कानपुर: अपने ही थाने में इंस्पेक्टर-दारोगा के खिलाफ केस, चोरी-डकैती के आरोप

उत्तर प्रदेश के कानपुर में चकेरी थाना है. इस थाने के इंस्पेक्टर-दारोगा के खिलाफ इसी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है. लाल बंगला निवासी एक महिला की शिकायत पर चकेरी इंस्पेक्टर संतोष कुमार शुक्ला, तत्कालीन चौकी प्रभारी अंकित खटाना के खिलाफ डकैती, दंगा, चोरी और तोड़फोड़ जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. पीड़िता का आरोप है कि हाईकोर्ट और एफटीसी सीनियर डिवीजन कोर्ट में विचाराधीन विवादित प्लॉट पर पुलिस व बाहरी लोगों की मदद से जबरन कब्जा कराया गया.

चंद्र नगर निवासी संगीता जायसवाल ने बताया कि जिस प्लॉट पर विवाद है, उस पर उनकी दुकानों का निर्माण है और वह नियमित रूप से नगर निगम को हाउस टैक्स भी जमा करती हैं. उनका कहना है कि यह जमीन सुशील और अभिषेक के साथ लंबे समय से विवादित है. बावजूद इसके, 29 मार्च को चकेरी इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला, चौकी प्रभारी अंकित खटाना, योगी बिल्डर, धर्मेंद्र यादव समेत 3040 अज्ञात लोगों ने पुलिस बल के साथ पहुंचकर प्लॉट का मेन गेट और दीवार तोड़ डाली और कब्जा दिला दिया.

पुलिस अफसरों पर क्या हैं आऱोप?

संगीता जायसवाल का आरोप है कि इस दौरान पुलिस और आरोपियों ने उनके परिजन, भतीजे-भतीजी को लाठी-डंडों से पीटा, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में चोटों का जिक्र नहीं किया गया. उल्टा पीड़ित पक्ष पर ही शांति भंग की कार्रवाई कर चालान कर दिया गया. उन्होंने बताया कि कब्जे की कार्रवाई के दौरान घर में रखे मोबाइल और लैपटॉप भी जब्त कर लिए गए. साथ ही करीब डेढ़ करोड़ रुपये मूल्य का सामान ट्रक में भरकर ले जाया गया.

महिला ने यह भी दावा किया कि उनके घर से लगभग छह लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण, जिनमें चेन, चूड़ियां, पायल, झुमकी और कमर पेटी शामिल थीं, भी चोरी कर लिए गए. पीड़िता के अनुसार, पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुई है और यह सबूत के तौर पर उपलब्ध है.

पुलिस कमिश्नर के आदेश पर FIR दर्ज

संगीता जायसवाल ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुख्य सचिव, डीजीपी और पुलिस कमिश्नर से की थी. शिकायत और जांच के बाद पुलिस कमिश्नर ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. इसके बाद इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला, दरोगा अंकित खटाना समेत अन्य नामजद और अज्ञात आरोपियों पर डकैती, दंगा, चोरी, चोट पहुंचाने और तोड़फोड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

फिलहाल यह मामला कानपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है. सवाल उठ रहे हैं कि जब जमीन विवाद कोर्ट में लंबित था, तो आखिर किस दबाव में पुलिस ने इस तरह की कार्रवाई की. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस प्रकरण में और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है.

 

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