कानपुर में आई लव मोहम्मद पोस्टर को लेकर शुरू हुआ विवाद एक बार फिर चर्चा में है. शुक्रवार को शारदा नगर क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय बड़ी संख्या में सड़क पर उतरा और जुलूस निकाला. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर और तख्तियां लेकर नारे लगाए और पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की.
यह मामला 4 सितंबर को सैयद नगर, रावतपुर थाना क्षेत्र का है. बारावफात के मौके पर निकाले गए जुलूस में आई लव मोहम्मद बैनर लगाया गया था. हिंदुत्व संगठनों के लोगों ने बैनर फाड़ दिया था जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया. पुलिस ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में 25 युवकों पर केस दर्ज किया. इनमें से आठ की पहचान सीसीटीवी फुटेज से की गई.
आई लव मोहम्मद पोस्टर पर विवाद
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बैनर पैगंबर मोहम्मद के प्रति सम्मान और प्रेम की अभिव्यक्ति थी और यह संविधान द्वारा दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत आता है. स्थानीय मुस्लिम संगठनों के नेतृत्व में निकाले गए इस जुलूस में महिलाएं और युवा भी शामिल रहे. पोस्टरों पर लिखा था. आई लव मोहम्मद हमारा अधिकार, हमारा संदेश. कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा लेकिन पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे.
पुलिस ने स्थिति पर नजर बनाई हुई है
दरगाह आला हजरत के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान ने एफआईआर को संविधान के खिलाफ बताया. वर्ल्ड सूफी फोरम के अध्यक्ष हजरत सैयद मोहम्मद अशरफ किशाउचवी ने पुलिस कार्रवाई को अनुचित करार दिया. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर बयान देकर इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया. पुलिस ने अभी एफआईआर वापस लेने पर कोई निर्णय नहीं दिया है लेकिन स्थिति पर नजर बनाए हुए है.