करौली: जिले प्रसिद्ध रियासत कालीन विसन संबंध बांध में तेज बारिश के बाद 4 फीट पानी की आवक हुई, जिससे बांध में अब 13 फीट पानी जमा है. 27 फीट भराव क्षमता वाला यह बांध क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण यह अपनी पूरी क्षमता से अभी भी दूर है. ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि अगर समय रहते नहरों की सफाई हो जाती, तो बांध पूरी तरह भर सकता था, जिससे दर्जनों गांवों के किसानों को सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलती. क्षेत्र में इस बार अच्छी बारिश के बावजूद बांध की स्थिति दयनीय बनी हुई है.
ग्रामीणों ने बताया कि सिंचाई विभाग से बार-बार नहरों की सफाई की मांग की गई, जिला कलेक्टर की रात्रि चौपालों में भी यह मुद्दा उठाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. पूर्व जिला प्रमुख शिवदयाल मीणा ने कहा, “बांध के पास जलदाय विभाग के कई नलकूप सूखने की कगार पर हैं, क्योंकि बांध बिना पानी के सूखा ही रहता है.
अगर सफाई हो जाती, तो न केवल बांध भरता, बल्कि क्षेत्र का जलस्तर भी बढ़ता और पेयजल संकट टलता. “बांध में पानी की आवक केवल बारिश के पानी से हुई है, क्योंकि नहरें और अन्य स्रोत अवरुद्ध हैं. इस लापरवाही से नाराज दर्जनों गांवों के ग्रामीणों में सिंचाई विभाग के खिलाफ गुस्सा है. ग्रामीणों का कहना है कि समय पर कार्रवाई होती, तो यह ऐतिहासिक बांध फिर से क्षेत्र की जीवनरेखा बन सकता था.
टोडाभीम एवं क्षेत्र के कई गांवो में बाढ़ के हालात
टोडाभीम विधानसभा क्षेत्र के गांव खेड़ी गोपालपुरा करीरी,खानपुर मेरेडा में आज बाढ़ के हालात है लोगों के घरों में पानी घुस गया खाने बनाने तक की समस्या आ रही है जिसको लेकर क्षेत्र विधायक घनश्याम, तहसीलदार एवं विकास अधिकारी द्वारा दौरा किया गया है. विधायक ने सरकार की व्यवस्थाओं पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार के प्रबंधन का शिकार यह क्षेत्र हो रहा है.
यहां बाढ़ के हालात हैं सरकार का कोई नुमाइंदे यहां पर नहीं पहुंचे है. जिसके कारण लोगों में रोष है उन्होंने बताया कि विशन संबंध बांध की नहरो की सफाई नहीं होने का कारण यह पानी इधर डाइवर्ट हो रहा है. जिसके कारण यहां बाढ़ के हालात बने हुए है फसले चौपट हो गई है. बिसन संबंध बांध की नहरो की सफाई पूर्व मे हो जाती तो बांध भर जाता और इन गांवो में बाढ़ के हालात नहीं होते.