उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का आज आखिरी दिन है. महाशिवरात्रि के मौके पर 26 फरवरी को महाकुंभ का समापन होने जा रहा है. महाकुंभ में करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ के चलते सालों से बिछड़े हुए कई लोग अपने परिजनों से मिल गए. इन्हीं में से एक कर्नाटक के विजयपुरा के रमेश चौधरी भी हैं, जो महाकुंभ के जरिए 24 साल बाद अपने परिवार से मिल गए.
विजयपुरा के कोल्हारा तालुका के बलूती गांव के रमेश चौधरी 2001 में अपने घर से लापता हो गए थे, जो अब प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में मिले. 24 साल पहले जब रमेश लापता हुए थे तो उनकी खूब तलाश की गई थी, लेकिन वह नहीं मिले थे. अब बलूती गांव के मल्लनगौड़ा पाटिल और बाकी लोग प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में गए, जहां रमेश उन्हें मिले.
साधु के वेश में नजर आए
प्रयागराज में शुभ अनुष्ठान संपन्न कराने के बाद रमेश और उनकी टीम काशी के लिए रवाना हो गई थी. काशी में मल्लाना गौड़ा ने रमेश को साधु वेश में देखा. मल्लाना गौड़ा ने रमेश को देखा और उनसे बात की. तब पता चला कि वह बलूती गांव का रमेश चौधरी ही है. उन्होंने रमेश से कन्नड़ में बात की और उससे पूछताछ की. रमेश ने अपनी सारी जानकारी दे दी.
एक से दूसरे शहर भटका
रमेश ने कहा, “मैं घर से लापता हो गया था और एक शहर से दूसरे शहर भटकता रहा. फिर मैं बिहार के पटना पहुंच गया, जहां मैंने डामर सड़क पर काम करते हुए अपना समय बिताया. मुझे शहर याद आ रहा था. मैंने एक-दो बार घर जाने की कोशिश की, लेकिन हार मान ली.” उन्होंने अपने बेटे, माता-पिता और परिवार के सदस्यों के बारे में भी मल्लाना गौड़ा को बताया.
24 साल पहले हुए थे लापता
इसके बाद मल्लाना गौड़ा ने बलूती में रमेश के रिश्तेदारों को वीडियो कॉल करके बताया कि रमेश मिल गया है. उन्होंने काशी में अपने परिवार से भी बात की. इसके बाद मल्लाना गौड़ा रमेश को अपनी गाड़ी से वापस बलूती गांव ले गए. करीब 24 साल पहले लापता हुए रमेश चौधरी के बलूती गांव पहुंचने पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है. उन्होंने रमेश का अच्छे से स्वागत किया.