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मंत्री ना बनाए जाने से कर्नाटक के बीजेपी सांसद नाराज, पार्टी को बताया ‘दलित विरोधी’

कर्नाटक से बीजेपी सांसद और दलित नेता रमेश जिगाजिनागी ने पार्टी के खिलाफ खुलेतौर पर अपनी नाराजगी जताई है और दावा किया है कि ज्यादातर केंद्रीय मंत्री ऊंची जातियों से हैं. जबकि दलितों को दरकिनार किया गया है. रमेश जिगाजिनागी सात बार सांसद रहे हैं और 2016 से 2019 तक राज्य मंत्री भी रहे हैं. वर्तमान में वे विजयपुरा सीट से चुनाव जीते हैं.

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मंगलवार को मीडिया से बातचीत में सांसद रमेश ने कहा, कई लोगों ने मुझे BJP में ना जाने की सलाह दी थी, क्योंकि यह (पार्टी) ‘दलित विरोधी’ है.

जिगाजिनागी से पूछा गया कि क्या वो कैबिनेट मंत्री बनना चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा, मुझे केंद्रीय मंत्री पद की मांग करने की कोई जरूरत नहीं है. लोगों का समर्थन मेरे लिए जरूरी है, लेकिन जब मैं वापस आया (चुनाव के बाद) तो लोगों ने मुझे बहुत ज्यादा डांटा. कई दलितों ने मुझसे इस बात पर बहस की कि BJP दलित विरोधी है और मुझे पार्टी में शामिल होने से पहले यह बात जान लेनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा, मेरे जैसा दलित व्यक्ति दक्षिण भारत में सात चुनाव जीतने वाला अकेला व्यक्ति है. सभी उच्च जाति के लोग कैबिनेट पदों पर हैं. रमेश ने सवाल किया कि क्या दलितों ने कभी बीजेपी का समर्थन नहीं किया? उन्होंने आगे कहा कि इससे मुझे बहुत दुख हुआ है.

कर्नाटक में कुल 28 सीटें हैं और BJP ने इस बार 17 सीटों पर जीत हासिल की है. NDA में सहयोगी JD(S) को 2 सीटों पर जीत मिली है. कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की है. कर्नाटक से मोदी मंत्रिमंडल में चार चेहरे हैं. इनमें प्रह्लाद जोशी के साथ ही शोभा करांदलाजे, वी सोमन्ना और JD(S) के एचडी कुमारस्वामी का नाम शामिल है.

मोदी सरकार में 29 OBC, 28 जनरल, 10 एससी, 5 एसटी और 7 महिलाओं को मंत्री बनाया गया है.

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