बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB टीम की जीत के बाद हुए समारोह में हुई भगदड़ को लेकर गिरफ्तारी के खिलाफ RCB के मार्केटिंग हेड की याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने सोमवार को अहम सुनवाई की. याचिकाकर्ता के वकील ने गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए अंतरिम राहत की मांग की है.
कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि सीएम ने आरसीबी, डीएनए और केएससीए के अधिकारियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे. याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि पुलिस को याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है. सुनवाई के दौरान जज ने साफ कहा कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है और इस पर राज्य सरकार को आज ही जवाब देना होगा. कोर्ट ने कहा कि अंतरिम राहत की मांग पर मंगलवार सुबह 10:30 बजे आदेश दिया जा सकता है.
मुख्यमंत्री के बयान पर भी सवाल
हाईकोर्ट के जज ने सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में “गिरफ्तार करो” शब्द का इस्तेमाल किया? इस पर एजी (एडवोकेट जनरल) ने कहा कि मुद्दा यह नहीं है, लेकिन कोर्ट ने जोर देकर पूछा कि “क्या मुख्यमंत्री ने ऐसा कहा या नहीं?” इसके जवाब में एजी ने कहा कि उन्हें इसकी पुष्टि करनी होगी.
कोर्ट के तीन अहम सवाल
1. क्या मुख्यमंत्री ने गिरफ्तारी की बात कही थी?
2. क्या CCB ने गिरफ्तारी की? अगर हां, तो किस अधिकार के तहत?
3. कब यह जांच CID को सौंपी गई?
गिरफ्तारी का समय और प्रक्रिया पर सवाल
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले की गई जांच सिर्फ गिरफ्तारी को जायज ठहराने के लिए की गई थी. उन्होंने बताया कि उन्हें सुबह 4:30 बजे गिरफ्तार किया गया, 4:50 बजे DNA कंपनी के दो लोग और 5:00 बजे एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. कोर्ट ने कहा कि कम से कम पुलिस स्टेशन में गिरफ्तारी के आधार तो बताए जाने चाहिए थे. इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कोई ठोस आधार या प्राइमाफेसी मटेरियल नहीं था, जो गिरफ्तारी को सही ठहराता.
मुख्यमंत्री को गिरफ्तारी के निर्देश देने का अधिकार नहीं!
याचिकाकर्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह नहीं कहना चाहिए था कि इन लोगों को गिरफ्तार करो. सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट मानना है कि जांच पूरी तरह से जांच अधिकारी के विवेक पर होती है. इस पर कोर्ट ने कहा कि सीएम कह सकते थे कि जांच चल रही है और इसका तार्किक अंत होगा, लेकिन गिरफ्तारी का सीधा निर्देश नहीं देना चाहिए. अब यह मामला मंगलवार सुबह 10:30 बजे फिर से लिस्ट किया गया है और राज्य सरकार को अंतरिम राहत पर जवाब देना होगा. अदालत इस पर आदेश पारित कर सकती है.