कर्नाटक के शिमोगा में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। यहां 38 वर्षीय महिला श्रुति ने कथित तौर पर अपनी 12 वर्षीय बेटी पूर्विका की हत्या करने के बाद खुद भी आत्महत्या कर ली। घटना मैकगैन अस्पताल के स्टाफ क्वार्टर में हुई। पुलिस का प्रारंभिक अनुमान है कि श्रुति मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और अवसाद से जूझ रही थी।
श्रुति की बेटी पूर्विका छठी कक्षा में पढ़ती थी। रात को जब उनका पति रमन्ना घर लौटे, तो उन्होंने देखा कि घर का दरवाजा अंदर से बंद है। पड़ोसी की मदद से दरवाजा खोला गया तो अंदर दोनों की लाश पड़ी थी। पूर्विका के सिर पर चोट के निशान थे और श्रुति अपने बेटी के शव के पास ही फंदे से लटकी हुई थी। रमन्ना ने तुरंत इस घटना की सूचना पुलिस को दी।
शिमोगा एसपी जीके मिथुन कुमार ने बताया कि डोड्डापेट पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं—एक हत्या और दूसरा आत्महत्या का। पुलिस अब घटना के कारणों और श्रुति की मानसिक स्थिति की जांच कर रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, श्रुति अवसाद के इलाज के दौरान मानसिक रूप से कमजोर थीं और इसी स्थिति ने उन्हें और उनकी बेटी को इस भयावह कदम की ओर धकेला।
इस घटना ने पूरे इलाके में शोक और सनसनी फैलाई है। पड़ोसी और स्थानीय लोग इस त्रासदी से स्तब्ध हैं। वहीं, श्रुति के पति रमन्ना अस्पताल में लैब टेक्नीशियन के रूप में कार्यरत हैं और वे इस हादसे से गहरे सदमे में हैं।
पुलिस ने बताया कि वे मृतक परिवार की पृष्ठभूमि और मानसिक स्वास्थ्य के रिकॉर्ड की जांच कर रहे हैं ताकि पूरी घटना का सही कारण पता चल सके। इस दुखद हादसे ने मानसिक स्वास्थ्य और परिवारिक तनाव के मुद्दों को फिर से सार्वजनिक चर्चा में ला दिया है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर किसी को मानसिक दबाव या अवसाद के लक्षण दिखाई दें तो वे समय पर मदद लें। इस घटना ने एक बार फिर यह जताया कि मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी खतरनाक परिणाम दे सकती है।