दमोह : मामला दमोह और कटनी जिले से जुआ हुआ है जहा कटनी के पूर्व एसपी आईपीएस अभिजीत कुमार रंजन की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं एक तरफ जहां तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी शर्मा की शिकायत को लेकर संघ लोक सेवा आयोग ने आवश्यक कार्यवाही के लिए गृह सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार को पत्र लिखा है वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट अधिवक्ता एवं तहसीलदार के चाचा देवेंद्र शर्मा ने अब तक पूर्व एसपी आईपीएस अभिजीत रंजन पर एफआईआर दर्ज न होने के कारण स्मरण पत्र लिखा है.
आपको बता दें कि देश और प्रदेश के बहुचर्चित हाई प्रोफाइल कटनी सीएसपी आवास कांड कि आग अभी तक ठंडी नहीं हो सकी है.
तत्कालीन एसपी अभिजीत कुमार रंजन के ऊपर यह आरोप लगे थे कि 31 मई 2025 की रात उन्होंने सीएसपी आवास में मौजूद उनके परिवार वालों के ऊपर हमला कराते हुए थाने में बंद कर कर उनकी पिटाई करवाई थी इस मामले को लेकर तहसीलदार शैलेंद्र शर्मा के अधिवक्ता चाचा देवेंद्र शर्मा ने तत्कालीन एसपी अभिजीत कुमार रंजन के ऊपर प्रकरण पंजीबद्ध कराने के लिए कई शिकायतें उच्च स्तर पर की थी लेकिन आज तक एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज न हो पाने के कारण उन्होंने विगत दिनों शासन को स्मरण आवेदन पत्र लिखा है अधिवक्ता देवेंद्र शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कटनी जिले के पूर्व एसपी अभिजीत कुमार रंजन कटनी पुलिस पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं.
तत्कालीन एसपी चाहते हैं कि पति-पत्नी के बीच एफआईआर हो जाए.उन्होंने आरोप लगाया है कि कटनी के पूर्व एसपी के दबाव में पीड़ितों के बयान अब तक नहीं लिए गए. उन्होंने आरोप लगाया है कि विगत दो माह से केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार के हर फोरम में आवेदन दिए गए लेकिन अभिजीत कुमार रंजन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं हुई इसके विपरीत आवेदन वापस लेने के लिए जान से मारने की धमकी दिलवाई जा रही है.
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता देवेंद्र शर्मा ने कहा है कि यदि उनके आवेदन पत्र पर एफआईआर नहीं होती, तो मजबूर होकर वे माननीय न्यायालय की शरण लेंगे संघ ने भेजा पत्र अधिवक्ता देवेंद्र शर्मा द्वारा की गई शिकायत को प्राथमिकता से संज्ञान में लेते हुए संघ लोक सेवा आयोग ने गृह सचिव गृह मंत्रालय भारत सरकार को विगत 23 जुलाई 2025 को पत्र लिखकर शिकायत पर कार्यवाही करने के लिए कहा है.
आपको बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद तत्कालीन एसपी अभिजीत कुमार रंजन को कटनी से हटाकर भोपाल मुख्यालय अटैच कर दिया गया था.