रायपुर। विधानसभा में आज भाजपा विधायक धरम लाल कौशिक के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य प्रशासनिक सेवा के प्रदेश में 255 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 251 पद भरे हुए और चार पद रिक्त है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के छह अफसरों के खिलाफ EOW-ACB में भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं। वहीं 4 अफसरों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है।
विधान सभा में आज शुरू हुए प्रश्नकाल के दौरान धरमलाल कौशिक ने पूछा कि प्रदेश में 31 जनवरी, 2025 की स्थिति में कुल कितने राज्य प्रशासनिक सेवा में प्रथम श्रेणी के कुल कितने पद स्वीकृत, भरे व रिक्त हैं? इनमें से किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध वर्ष 2019 से ईओडब्ल्यू, एसीबी तथा राज्य शासन द्वारा कब से, किन-किन कारणों से एवं किस विषय से संबंधित जांच/विभागीय जांच की गई/की जा रही है तथा अद्यतन स्थिति क्या है एवं जांच लंबित है तो कब से लंबित है? किन-किन राज्य जांच एजेंसी द्वारा कब-कब किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध चालान, सम्मन व प्रकरण दर्ज होने की जानकारी छ.ग. शासन को दी गई है तथा इनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि 31 जनवरी, 2025 की स्थिति में राज्य प्रशासनिक सेवा में प्रथम श्रेणी के कुल 255 पद स्वीकृत, 251 भरे व 4 पद रिक्त हैं। इनमें से जिन अधिकारियों के विरूद्ध वर्ष 2019 से ईओडब्ल्यू एसीबी तथा राज्य शासन द्वारा जांच/विभागीय जांच की कार्यवाही की जा रही है, उनकी भी जानकारी सीएम साय ने दी।
धरम लाल कौशिक ने लिखित जवाब पर असंतोष जताया, और कहा कि विधानसभा में सवाल लगने के बाद बीएस ठाकुर, और टीआर माहेश्वरी के खिलाफ जांच की अनुमति दी गई। इससे कार्रवाई की गंभीरता का पता चलता है। उन्होंने कहा कि अफसरों के खिलाफ करप्शन की जांच होनी चाहिए। कौशिक ने पूछा कि समुचित कार्रवाई कब तक की जाएगी? सीएम ने इसके जवाब में कहा कि सरकार ने सुशासन के लिए अलग से सुशासन अभिसरण विभाग का गठन किया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि सुशासन स्थापित करेंगे। सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है। भ्रष्टाचार के मामले में जो कोई भी दोषी होगा उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।