दिल्ली-एनसीआर के अलावा पहाड़ों पर भी बारिश ने कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उत्तराखंड में गुरुवार को भारी बारिश की वजह से अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है, जिसमें एक ही परिवार के तीन लोग भी शामिल हैं. लगातार हो रही बारिश की वजह से इस पहाड़ी राज्य के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
वहीं सामने आया है कि, केदारनाथ यात्रा मार्ग से 3300 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है. इनमें से 700 श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है. इसके साथ ही करीब 5000 फूड पैकेट्स वितरित किए गए. PMO ने भी मदद भेजी है. रेस्क्यू के लिए एयर फोर्स का चिनूक, MI 17 रवाना किए गए है. तीन टैंकर ATF की मदद भी भेजी गए है.
#उत्तराखंड: वर्षा और भूस्खलन के कारण #केदारनाथ यात्रा अगले आदेश तक रोक दी गई है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस और जिला प्रशासन के समन्वित प्रयासों से यात्रा मार्ग पर फंसे 2,000 से अधिक लोगों को निकाल लिया गया है।#Uttarakhand | #Kedarnath pic.twitter.com/ybE0Io5PlT
— आकाशवाणी समाचार (@AIRNewsHindi) August 2, 2024
अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि रात भर हुई भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में बाढ़ आ गई और कई नदियां उफान पर आ गईं, जिससे 14 लोगों की मौत हो गई और 10 से अधिक लोग घायल हो गए. केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, अधिकारियों ने कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण तीर्थयात्रा को फिलहाल निलंबित करने का फैसला किया है. अधिकारियों ने कहा कि घोड़ापड़ाव, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में पत्थरों के कारण ट्रेक मार्ग अवरुद्ध है.
यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, नैनीताल के हलद्वानी में एक बच्चा बाढ़ वाले नाले में बह गया. इसमें कहा गया कि उसकी तलाश की जा रही है. बुधवार रात भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ ट्रेक मार्ग पर भीमबली में सड़क का एक हिस्सा बह गया और पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर आकर सड़क अवरुद्ध हो गई. पुलिस के अनुसार, अब तक लिनचोली और भीमबली से 425 तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टरों से सुरक्षित लाया गया है, जबकि 1,100 तीर्थयात्री बचाव टीमों की मदद से विभिन्न स्थानों से पैदल चलकर सोनप्रयाग पहुंचे हैं.
अधिकारियों ने कहा कि बुधवार शाम से बारिश से संबंधित घटनाओं में 14 लोगों की मौत हो गई है – देहरादून में चार, हरिद्वार में छह, टिहरी में तीन और चमोली में एक. देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि बुधवार रात रायपुर क्षेत्र में दो लोग नहर में डूब गए. उन्होंने कहा कि शव बरामद कर लिये गये हैं. पीड़ितों की पहचान सुंदर सिंह और अर्जुन सिंह राणा के रूप में की गई. देहरादून में एक अन्य घटना में, गुरुवार को सहस्रधारा पार्किंग के पास एक नदी में स्नान करते समय दो लोग बह गए.
#Kedarnath भारी बारिश की वजह से 2 दिन के लिऐ रोकी गई केदारनाथ यात्रा।
आज से शुरू होगा रेस्क्यू ऑपरेशन ,हेलीकॉप्टर से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जाएगा।
NDRF की टीम लोगो की मदद के लिऐ लगातार प्रयासरत है केदारनाथ में।#Uttarakhand #Kedarnathdham #CloudBurst pic.twitter.com/halRVNl2Se— Monu kumar (@ganga_wasi) August 2, 2024
सूचना मिलने पर SDRF की टीम मौके पर पहुंची लेकिन तब तक स्थानीय लोगों ने एक शव बरामद कर लिया था. SDRF ने बाद में नदी से दूसरा शव बरामद किया. मृतक दिल्ली के सुल्तानपुरी के रहने वाले थे, जिनकी पहचान इंद्रपाल (40) और भूपेन्द्र सिंह राणा (43) के तौर पर हुई है. हरिद्वार जिले के रुड़की क्षेत्र के भरपूर गांव में भारी बारिश के कारण एक मकान ढह गया, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए. इनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में धामी ने कहा कि राज्य में बुधवार रात हुई भारी बारिश के कारण कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित होने की खबर है और बचाव दल ने रात भर ऑपरेशन चलाया और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है. धामी ने यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर बारिश की स्थिति की समीक्षा की और आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन को जिलाधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया.
इस बीच, रुद्रप्रयाग पहुंच चुके केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक सलाह जारी की गई है, जिसमें उन्हें तब तक इंतजार करने के लिए कहा गया है जब तक कि उन्हें मौसम में सुधार और अवरुद्ध और टूटी सड़कों की बहाली के बारे में आधिकारिक तौर पर सूचित नहीं किया जाता है. रुद्रप्रयाग जिले में मंदाकिनी और अलकनंदा दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं.