हिन्दू धर्म में सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित रहता है. आज से श्रावण मास की शुरुआत हो गई है और महादेव के भक्तों ने शिव जी को खुश करने के लिए उनकी पूजा अर्चना शुरू कर दी है, आज के दिन भक्त तरह-तरह के उपाय करते हैं. कहा जाता है कि जो कोई सोमवार के व्रत रखता है उसे मनचाहा फल मिलता है और भोले बाबा उससे बेहद प्रसन्न रहते हैं. अविवाहित लड़कियों और लड़के भी इस व्रत को विशेष रूप से करते हैं ताकि उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिल सकें, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोलह सोमवार के व्रत का भी खास महत्व है. आइए हम आपको बताते हैं सोलह सोमवार के व्रत की पूजा विधि क्या हैं और इस व्रत को कैसे रखा जाता है.
सोलह सोमवार व्रत की पूजा विधि जानिए
सूर्योदय से पहले पानी में काले तिल डालकर स्नान करना चाहिए.
इसके बाद वस्त्र धारण करना चाहिए और फिर शिवजी के सामने 16 सोमवार के व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
व्रत का संकल्प लेने के लिए हाथ में पान का पत्ता, सुपाड़ी, जल, अक्षत और कुछ सिक्के लेकर शिवजी के मंत्र का जाप करें, फिर सभी वस्तुएं भगवान शिव की मूर्ति के आगे समर्पित करनी चाहिए.
16 सोमवार की पूजा दिन के तीसरे पहर में चार बजे के आस पास भी कर सकते हैं लेकिन सूर्यास्त से पहले पूजा सम्पूर्ण हो जाना चाहिए इस बात का ध्यान रखें.