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घमंड को काबू में रखें…शाहिद अफरीदी ने चैंपियंस ट्रॉफी विवाद के बीच बिना नाम लिए भारत पर साधा निशाना

चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार टकराव बढ़ता जा रहा है. बीसीसीआई की मनाही के बाद से पाकिस्तानी क्रिकेटर भड़के हुए हैं और लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. अब इस विवाद में दिग्गज क्रिकेटर शाहिद अफरीदी भी कूद पड़े हैं. उन्होंने भारत का नाम लिए बिना निशाना साधने की कोशिश की है. अफरीदी ने चैंपियंस ट्रॉफी को क्रिकेट के लिए अहम पड़ाव बताया. उनके मुताबिक 1970 के दशक के बाद पहली बार क्रिकेट सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है. वहीं उन्होंने बीसीसीआई का नाम लिए बिना घमंड को काबू में रखने को भी कहा. अफरीदी के पहले बासित अली और राशिद लतीफ समेत कई पाकिस्तान क्रिकेटर भी अपना मत रख चुके हैं.

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शाहीद अफरीदी ने क्या कहा?

पूर्व क्रिकेटर शाहीद अफरीदी ने सलाह देते हुए कहा है कि ‘क्रिकेट एक अहम मोड़ पर खड़ा है और शायद 1970 के बाद सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है. यही समय है कि हम अपने मतभेद को भूलकर खेल के लिए एक हो जाएं. अगर ओलंपिक की खातिर हम अपने बंटवारे को भूलकर एक साथ आ सकते हैं तो यही काम क्रिकेट और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए क्यों नहीं कर सकते.’ वह सिर्फ सलाह देने तक नहीं रुके. उन्होंने आगे भारत का नाम लिए निशाना साधा और कहा कि ‘इस खेल के सरंक्षक के तौर पर हमारी जिम्मेदारी है कि अपने घमंड को काबू रखें और क्रिकेट के विकास पर फोकस करें.’

पाकिस्तान को हो सकता है भारी नुकसान

करीब 28 साल के बाद पाकिस्तान किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी करने वाला है. इसके लिए उसने जमकर खर्च भी किए हैं. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को उम्मीद थी कि इस टूर्नामेंट से उसकी जमकर कमाई होगी. लेकिन बीसीसीआई के टीम इंडिया को पाकिस्तान नहीं भेजने के फैसले से अब उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. अब उसके पास तीन ही विकल्प बचे हैं. या तो वह हाइब्रिड मॉडल की मांग को मान ले, नहीं तो चैंपियंस ट्रॉफी को दूसरे देश में शिफ्ट कर दिया जाए.

दोनों बोर्ड के बीच टकराव बढ़ने की स्थिति में इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया जाए. इन तीनों ही स्थिति में पाकिस्तान को नुकसान होगा. इससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को मिलने वाली 65 मिलियन डॉलर यानि करीब 548 रुपए की फीस में कटौती होगी. अगर चैंपियंस ट्रॉफी को दूसरे देश में शिफ्ट किया गया या फिर कैंसिल किया गया तो फीस नहीं मिलने के साथ स्टेडियम हुए खर्च का भी नुकसान होगा.

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