कहते हैं कि जानवरों को आने वाली प्राकृतिक आपदाएं महसूस हो जाती हैं. कई बार ऐसा होते भी दिखा है. कई बार भूकंप, सुनामी, तूफान जैसी आपदाएं आने से पहले जानवरों में अजीब हरकतें देखी गईं हैं. कुछ ऐसा ही केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन में देखने को मिला. यहां एक पालतू तोते को आपदा का पूर्वानुमान हुआ. उसने घर में शोर मचाया. तोते के मालिक ने पड़ोसियों की जानकारी दी. सभी सतर्क हुए और उनकी जान बच गई.
वायनाड में जिस वक्त भूस्खलन हुआ तब लोग गहरी नींद में सोए हुए थे. किसी को नहीं मालूम था कि वह सोते के सोते रह जाएंगे. पहाड़ों से आई तबाही ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. सैकड़ों मकान मलबे में दब गए. और 350 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां बैठे. करीब इतने ही लोग लापता बताए जा रहे हैं. इन सबके बीच कुछ खबरें ऐसी भी हैं जो हैरान कर रहीं हैं. सुरलमाला में एक तोते ने कई जिंदगियों को बचा दिया. यहां रहने वाले केएम विनोद के पालतू तोते किंगिनी ने भूस्खलन से पहले ऐसे संकेत दिए जिससे उनके पूरे परिवार और दोस्तों की जान बच गई.
तोते ने की अजीब हरकतें
विनोद ने बताया कि तबाही से पहले उनका तोता अपने पिंजरे के अंदर हंगामा करने लगा. वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा. उसने पिंजरे के अंदर अपने पंख फैलाकर अजीब तरीके से इधर-उधर चक्कर लगाने शुरू कर दिए. वह सब कुछ असामान्य था. तोते की हरकतों से विनोद की आंख खुल गई. उन्होंने जब बाहर जाकर देखा तो वहां गंदा पानी जमा होते दिख रहा था. उसने तुरंत अपने परिवार को जगाया. साथ ही विनोद ने अपने पड़ोसियों जिजिन, प्रशांत और अश्कर को बुलाया. वे सभी सो रहे थे. बाहर का नजारा देख सभी लोह घबरा गए.
बच गईं कई लोगों की जान
आनन-फानन में वह लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए. विनोद अपनी बहन के घर कॉलोनी रोड पर चले गए. साथ में वह अपने तोते को भी ले गए. इस भूस्खलन में विनोद और जीजी के घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और मिट्टी में दब गए. जबकि प्रशांत व अश्कर के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए. विनोद और उनका परिवार वर्तमान में मेप्पडी गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के शिविर में रह रहा है. इधर वायनाड में आई तबाही के बाद लापता लोगों को तलाशा जा रहा है.