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केरल: दिमाग खाने वाले अमीबा ने ली 12 साल के लड़के की जान

कोझिकोड: केरल के कोझिकोड जिले में 12 साल के एक लड़के की बुधवार को ब्रेन ईटिंग अमीबा (अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस) के चलते मौत हो गई. यह एक दुर्लभ और अक्सर घातक मस्तिष्क संक्रमण है, जो दूषित पानी में पाए जाने वाले एक फ्री लिविंग अमीबा के कारण होता है. लड़के की पहचान ईपी मृदुल के रूप में हुई है. जानकारी के मुताबिक मृदुल नाम का यह लड़का एक छोटे दरिया में नहाने गया था, जिसके चलते उसे यह संक्रमण हुआ. मई के बाद से केरल में इस गंभीर संक्रमण के कारण यह तीसरी मौत है.

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इससे पहले इरुमूलिपरम्बु के अजीत प्रसाद और ज्योति का बेटा मृदुल कोझिकोड के फारूक हायर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा 7 का छात्र था. उसे पिछले सप्ताह उल्टी और सिरदर्द की शिकायत के बाद एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने तुरंत उसे जांचा तो पता चला कि वह अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस संक्रमण के चपेट में है. बीमार होने से पहले, उसने कथित तौर पर एक तालाब में स्नान किया था, जिसके बाद अधिकारियों ने लोगों को तालाब से दूर रहने का निर्देश दिया और हाल ही में वहां स्नान करने वाले अन्य लोगों को लक्षणों के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी है. बता दें, यह फ्री लिविंग अमीबा नाक की पतली त्वचा से इंसान के शरीर में घुस जाता है.

कक्षा 7वीं की छात्रा की यह मौत मलप्पुरम और कन्नूर जिलों के दो अन्य बच्चों की मौत के बाद हुई है, जो इस साल की शुरुआत में ब्रेन ईटिंग अमीबा (अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस) का शिकार हुए थे. 21 मई को मलप्पुरम की एक पांच वर्षीय लड़की की संक्रमण से मौत हो गई. वहीं, 25 जून को कन्नूर की एक 13 वर्षीय लड़की की भी इसी संक्रमण से मौत हो गई थी.

अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस क्या है?

अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस को ब्रेन ईटिंग अमीबा भी कहा जाता है. यह मस्तिष्क का एक रेयर और गंभीर संक्रमण है. दरअसल, ब्रेन ईटिंग अमीबा विशेष रूप से नेगलेरिया फाउलेरी और अकांथामोएबा प्रजातियों के कारण होता है. लक्षण आमतौर पर संपर्क के 1-9 दिनों के बाद शुरू होते हैं और इसमें सिरदर्द, बुखार, मतली, उल्टी, गर्दन में अकड़न, दौरे, मानसिक स्थिति में बदलाव और मतिभ्रम शामिल हैं. यह बीमारी तेजी से बढ़ती है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर लक्षण शुरू होने के 1-12 दिनों के भीतर मृत्यु हो जाती है.

ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारी लोगों को सलाह देते हैं कि ऐसे संक्रमणों को रोकने के लिए विशेष रूप से गर्मियों के दौरान गर्म मीठे पानी के निकायों में तैरते समय सावधानी बरतें. चिकित्सा विशेषज्ञों ने कहा है कि संक्रमण तब होता है जब मुक्त रहने वाले, गैर-परजीवी अमीबा बैक्टीरिया दूषित पानी से नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी है. यह बीमारी इससे पहले तटीय अलपुझा जिले में 2023 और 2017 में रिपोर्ट की गई थी.

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