केरल सरकार के लिए लॉटरी इनकम के सबसे अहम स्रोतों में से एक है. इससे हर साल सरकारी खजाने में करोड़ों रुपए आते हैं. इस साल भी शराब और लॉटरी टिकट से केरल ने ताबड़तोड़ कमाई की है. विधानसभा में पेश किए आंकड़ों के अनुसार, केरल के दो मुख्य राजस्व स्रोत, शराब और लॉटरी टिकट की बिक्री ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल मिलाकर 31,618.12 करोड़ रुपये उत्पन्न किए. यह राज्य के कुल राजस्व का एक-चौथाई है.
शराब से इतनी हुई कमाई
शराब की बिक्री से राजस्व 19,088.86 करोड़ रुपये रहा. सबसे ज्यादा कमाई शराब से ही होती है जबकि इसके बाद लॉटरी टिकट से राज्य की कमाई होती है. शराब की तुलना में लॉटरी की बिक्री से आय 12,529.26 करोड़ रुपये दर्ज की गई. ये आंकड़े संयुक्त रूप से राज्य की कुल आय का लगभग 25.4% हिस्सा हैं, जो राज्य के फाइनेंशियल इकोसिस्टम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए आवश्यक धन प्रदान करने का काम करते हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सरकारी खजाने में आए कितने रुपए?
वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य की कुल आय 1,24,486.15 करोड़ रुपये बताई गई है. इसके अतिरिक्त, लावारिस लॉटरी पुरस्कारों को लेकर भी चिंताएं हैं, क्योंकि सरकार यह निर्दिष्ट करने में असमर्थ है कि इस स्रोत से कितना राजस्व उत्पन्न हुआ. केंद्रीय लॉटरी नियम 2010 के अनुसार, सरकार को लॉटरी से प्राप्त धन का रिकॉर्ड संकलित करने या बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है, जहां पुरस्कार जीते गए लेकिन दावा नहीं किया गया. नतीजतन, लावारिस पुरस्कारों से एकत्र की गई सटीक राशि अज्ञात रहती है, जिससे वित्तीय पारदर्शिता में अंतर पैदा होता है.
केरल में हर दिन 7 करोड़ लॉटरी टिकट छपते हैं
साल 2022-23 में केरल का कुल राजस्व 1,32,724.65 करोड़ रुपये रहा. यह साल 2021-22 के मुकाबले ज़्यादा था. वहीं, साल 2020-21 में केरल का कर राजस्व 47,000 करोड़ रुपये था. साल 2023-24 में यह बढ़कर 77,000 करोड़ रुपये हो गया. केरल में लॉटरी से मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल सामाजिक कल्याण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए किया जाता है. वहीं हर दिन राज्य में 7 करोड़ लॉटरी टिकट छपते हैं