केरल हाई कोर्ट की कार्यवाही मंगलवार (19 अगस्त) सुबह एक दुर्गंध के कारण रोकनी पड़ पई. यह दुर्गंध एक जंगली जानवर के पेशाब करने से आ रही थी जो कोर्ट की फॉल्स सीलिंग में घुस गया था. बताया जा रहा है कि दुर्गंध इतनी तेज थी कि मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति बसंत बालाजी की बेंच ने सभी मामलों की सुनवाई स्थगित कर दी.अदालती कार्यवाही केवल 20 मिनट तक चली और फिर कमरा बंद कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट के चैंबर 1 में मंगलवार को कार्यवाही कुछ समय के लिए बाधित हो गई, जब एक एशियाई पाम सिवेट, जिसे स्थानीय रूप से टोडी कैट या मुसांग के नाम से जाना जाता है ने चैंबर के अंदर बदबू पैदा कर दी. सुनवाई शुरू होते ही गंध इतनी ज्यादा हो गई कि वहां बैठना मुश्किल हो गया जिसके कारण कार्यवाही रोक दी गई.
सफाई कर्मचारियों को किया गया तैनात
समस्या का पता लगाने और उसे दूर करने के लिए तुरंत सफाई कर्मचारियों को तैनात किया गया. बाद में अधिकारियों को शक हुआ कि इसकी वजह एक सिवेट बिल्ली हो सकती है जो एयर-कंडीशनिंग के वेंट से अंदर घुस आई थी और फॉल्स सीलिंग के बीच छिप गई थी.
जाल में फंसी सिवेट बिल्ली
अदालत के सूत्रों ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायमूर्ति बसंत बालाजी की बेंच ने अदालत की सूची में शामिल बेहद जरूरी और नए मामलों पर जल्द सुनवाई की और उन्हें अन्य तारीखों के लिए स्थगित कर दिया. इसके बाद कमरे को सफाई के लिए बंद कर दिया गया. सफाई कर्मियों ने कोर्ट में जाल लगाए गए और एक सिवेट बिल्ली उसमें फंसी हुई पाई गई.
काफी दिनों से आ रही थी दुर्गंध
कोर्ट में मौजूद एक वरिष्ठ सरकारी वकील ने कहा कि सिवेट के टॉयलेट की गंध की समस्या पिछले कुछ दिनों से थी, लेकिन सोमवार दोपहर से यह असहनीय हो गई थी. मंगलवार को भी यही स्थिति रही. उन्होंने बताया कि जरूरी मामलों और आज की सूची में शामिल मामलों को बेंच ने जल्दी से निपटाया और उसके बाद लगभग 11.30 बजे अदालत कक्ष को सफाई के लिए बंद कर दिया गया.
जानवर के टॉयलेट से फैली बदबू
उन्होंने बताया कि ये सिवेट मुख्य न्यायाधीश के न्यायालय कक्ष की फॉल्स सीलिंग में छिपी हुई थी और उसने वहां पेशाब किया था जिसकी वजह से चैंबर में काफी बदबू फैल गई थी. वकील ने बताया कि सिवेट को पकड़ने के लिए एक दिन पहले जाल बिछाए गए थे और मंगलवार सुबह उनमें से एक सिवेट उसमें फंसी हुई पाई गई.
सिवेट बिल्ली के टॉयलेट से काफी दुर्गंध आती है. यह जानवर अक्सर बंद जगहों में पाया जाता है. एशियाई पाम सिवेट ज्यादातर पर ताड़ के पेड़ों और फलदार पेड़ों के पास पाया जाता है. केरल में इसे आमतौर पर टाइल वाले पुराने घरों और अन्य पुरानी इमारतों में देखा जाता है, जहां यह छतों के नीचे शरण लेता है.
वन्यजीव अभयारण्य के पास है कोर्ट
मंगला वन्यजीव अभयारण्य के पास केरल हाई कोर्ट की उपस्थिति लंबे समय से विवाद का विषय रही है. न्यायालय परिसर के आसपास पहले भी बड़े अजगर और अन्य जंगली जानवर देखे जा चुके हैं. यही कारण है कि हाई कोर्ट को कोच्चि शहर से उपनगर कलमस्सेरी में स्थानांतरित करने की मांग उठती रही है.