कनाडा में शरण पाकर रह रहे खालिस्तानी अब पत्रकारों पर भी हमले करने लगे हैं. भारत विरोधी संगठन के इन हमलों पर कनाडा के सांसद ने संसद में चिंता जाहिर की है. उन्होंने कनाडा की संसद में कहा है कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाये, कनाडा के अधिकारियों को खालिस्तानियों के साथ सख्ती से निपटना चाहिए.
कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में ओंटारियो के नेपियन से भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कहा,’कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ पर रिपोर्ट करने वाले पत्रकारों पर हो रहे हमलों से मैं बहुत चिंतित हूं.’ कुछ दिनों पहले रेड एफएम कैलगरी के ऋषि नागर पर हुए हमलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रेटर टोरंटो एरिया और पूरे कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथियों ने कई और हमले किए हैं. चंद्र आर्य ने कहा,’मैं कानून प्रवर्तन एजेंसियों से खालिस्तानी उग्रवाद को पूरी गंभीरता से लेने की अपील करता हूं. इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, इससे सख्ती से निपटना होगा.’
इन 3 घटनाओं का किया जिक्र
1. मार्च 2023 में रेडियो AM600 के समीर कौशल पर खालिस्तान विरोध को कवर करने के लिए हमला किया गया था.
2. फरवरी 2022 में ब्रैम्पटन रेडियो होस्ट दीपक पुंज पर खालिस्तान से संबंधित हिंसा की आलोचना करने के लिए उनके स्टूडियो में हमला किया गया था.
3. आतंकवाद विरोधी खोजी पत्रकार मोचा बेजिरगन को खालिस्तानी उग्रवाद पर निडर रिपोर्टिंग के लिए जान से मारने की धमकियां मिली हैं.
निज्जर की हत्या पर क्या बोले थे ट्रूडो?
बता दें कि पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स की संलिप्तता के आरोप लगाये थे. इसके बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव आ गया था. हालांकि, भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था.
कनाडा में खालिस्तानी बेखौफ
भारत ने निज्जर को आतंकी घोषित कर रखा था. उसकी पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या की जांच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) कर रही है. भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से काम कर रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बेखौफ तरीके से जगह दे रहा है.