वक्फ बिल पर बनी जेपीसी की बैठक का सोमवार विपक्षी दलों के सांसदों ने बहिष्कार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का मामला उठाया गया. सांसदों का कहना था कि समिति की कार्यवाही नियमों और प्रक्रियाओं के मुताबिक नहीं की जा रही है.
कांग्रेस के गौरव गोगोई और इमरान मसूद, डीएमके के ए राजा, शिव सेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने इस बैठक का विरोध किया.
सिद्धांतों पर काम नहीं कर रही समिति
#WATCH | Delhi: All opposition MPs boycotted the meeting of Joint Parliamentary Committee (JPC) on Waqf Bill.
The members alleged that Anwar Manippadi, former Chairman, Karnataka State Minorities Commission and Karnataka Minorities Development Corporation, whose presentation is… pic.twitter.com/2IuDy61YnR
— ANI (@ANI) October 14, 2024
अरविंद सावंत ने आरोप लगाया कि समिति के सामने पेश होने वाले लोगों को व्यक्तिगत आरोप लगाने की अनुमति दी गई थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ आरोप लगाए गए. उन्होंने कहा कि यह समिति के सिद्धांतों और नियमों के तहत नहीं था.
खड़गे पर वक्फ की संपत्ति हड़पने के आरोप
कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपेडी ने समिति के सामने 11 पन्नों का प्रजेंटेशन दिया, जिसमें उन नेताओं का जिक्र किया गया था जिन पर वक्फ की संपत्ति हड़पने का आरोप है. इस लिस्ट में अध्यक्ष खड़गे का नाम भी शामिल था, जिसका खासतौर पर विपक्षी दलों ने विरोध किया. वक्फ के 2.3 लाख करोड़ के घोटाले का आरोप लगाने वाली मणिपेडी कमेटी की रिपोर्ट 26 मार्च 2012 को तत्कालीन सीएम सदानंद गौड़ा को दी गई थी.
विपक्षी के विरोध के बाद भी जारी रही कार्यवाही
विपक्षी नेताओं ने इस मामले पर चर्चा करने के लिए अलग से बैठक की और कहा कि वे अपने अगले कदम पर विचार करेंगे. उनमें से कुछ ने सुझाव दिया कि वे लोकसभा अध्यक्ष से इस मामले की शिकायत कर सकते हैं. विपक्षी सांसदों के विरोध के बावजूद बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में चल रही समिति ने कार्यवाही जारी रही. बैठक के दौरान बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस भी देखी गई.