‘खड़गे को भगदड़ तो दिख रही है लेकिन…’, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कांग्रेस पर लगाया मनगढ़ंत आंकड़ें और गलत डेटा देने का आरोप

केंद्रीय तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस की झूठ, मनगढ़ंत और फर्जी आंकड़ों पर आधारित है सोशल मीडिया नीति फिर से सक्रिय हो गई है. पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार वादों की विश्वसनीयता के लिए खड़ी है, जबकि कांग्रेस विश्वसनीयता के संकट के लिए खड़ी है. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता अपनी भ्रामक राय सार्वजनिक करने से पहले तथ्यों की जांच नहीं करते हैं.

एक्स पर एक पोस्ट में पुरी ने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने पिछले कुछ वर्षों में रोजगार में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है. रोजगार में लगभग 36% की वृद्धि हुई है, जिससे 2016-17 और 2022-23 के बीच लगभग 170 मिलियन नौकरियां जुड़ी हैं. मैं उन्हें यह भी याद दिलाना चाहता हूं कि भारत की आर्थिक प्रगति प्रमुख क्षेत्रों में निरंतर रोजगार सृजन को दर्शाती है. हम बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं, जबकि उनके प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और नीतियां 2014 में हमें 11वें स्थान पर छोड़ गई थीं.”

तेल मंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्रदान करते हुए देश की जीडीपी इसी अवधि के दौरान औसतन 6.5 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ी.

रोजगार  में सुधार पर प्रकाश डालते हुए पुरी ने कहा कि भारतीय श्रम बाजार संकेतक बताते हैं कि 2022-23 में बेरोजगारी दर घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है. कृषि क्षेत्र प्रमुख बना हुआ है, जिसमें 45 प्रतिशत से अधिक कार्यबल कार्यरत हैं, तथा विनिर्माण और सेवाओं की ओर धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है.

उन्होंने लिखा, “पीएलएफएस के अनुसार, युवा (आयु 15-29 वर्ष) बेरोजगारी दर 2017-18 में 17.8 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 10 प्रतिशत हो गई है. ईपीएफओ 2024 में 131.5 लाख तक पहुंच गया है, जबकि गिग इकॉनमी कार्यबल 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ होने की उम्मीद है.”

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे की आलोचना करते हुए पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि खड़गे को ‘भगदड़’ तो दिख रही है, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि 2017-2023 के बीच श्रमिक जनसंख्या अनुपात में लगभग 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा, “वह स्पष्ट रूप से सभी गलत जगहों पर देख रहे हैं और फर्जी डेटा प्राप्त कर रहे हैं, या शायद वह अपनी पार्टी को एकजुट रखने की कोशिश में बहुत व्यस्त हैं और अपने सलाहकारों द्वारा बेचे जाने वाले झूठ को खरीद रहे हैं; या वह अपनी पार्टी के घुमंतू शहजादे की ‘बेरोजगारी’ को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं.”

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