खीर, मालपुआ और पूड़ी… दावत में खाकर बीमार हो गए 250 लोग, गांव ही बन गया अस्पताल…

मध्य प्रदेश के शिवपुरी में तेरहवीं का खाना खाने से 250 लोग बीमार हो गए. सूचना मिलने के बाद जिला एवं विकासखंड स्तर से स्वास्थ्य टीमों ने गांव में पहुंचकर गांव वालों का इलाज किया. वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों ने भी गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है. गांव वालों ने बताया कि खीर खराब हो गई थी. बावजूद इसके परोसी गई थी. फूड सेफ्टी टीम ने खाने के सेम्पल का जांच के लिए भेज दिया है.

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शिवपुरी के छिरारी गांव में 18 जून को जसरथ गुर्जर के पिता स्व कमल गुर्जर की तेहरवीं का आयोजन किया गया था. जसरथ ने गांव वालों को दावत में खीर, मालपुआ और पूड़ी सब्जी खिलवाया. बताया जा रहा है कि दोपहर में तापमान अधिक होने के कारण खीर खराब हो गई. खीर खाने के बाद गांव वालों को उल्टी दस्त की शिकायत हुई. ग्रामीणों के अनुसार, बाद में खीर को फिकवा दिया गया, लेकिन जिन लोगों ने तेरहवीं में खाना खाया रात होते-होते उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने लगी.

घर-घर हो रहा इलाज

जब इस बात की जानकारी प्रशासन तक पहुंची तो प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्काल स्वास्थ्य टीम को गांव पहुंचने के निर्देश दिए. सीएमएचओ डॉ संजय ऋषिश्वर ने जिला मुख्यालय से डॉ एसके पिप्पल के नेतृत्व में स्वास्थ्य दल गांव भेजा. वहीं विकासखंड स्तर से डा रोहित भदकारिया एवं डॉ नारायण सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य दल को रवाना किया. स्वास्थ्य अमले ने ग्राम छिरारी में घर-घर जाकर बीमार लोगों का इलाज करना शुरू कर दिया.

200 लोगों का हुआ इलाज

गांव में फूड सेफ्टी की टीम ने भी डेरा डाल दिया है, जो खाने में उपयोग की गई सामग्री की जांच पड़ताल कर फूड पाइजनिंग के कारणों का पता लगाने में जुट गई है. अभी तक दो सौ लोगों का उपचार कर दिया गया है. इसके अलावा छिरारी के पास ही स्थित मजरा सिद्धपुरा में भी कुछ लोगों की तबीयत खराब होने की बात सामने आई है. ग्राम छिरारी में स्वास्थ्य विभाग के दल के अलावा तहसीलदार कल्पना शर्मा, नायब तहसीलदार ओमप्रकाश, महिला एवं बाल विकास विभाग के सीडीपीओ सत्यपाल शेखरन, आयुष चिकित्सक डा कीर्ति, एएनएम ज्योति जाटव, सीएचओ पिंकी, सुपर वाईजर प्रतिभा सगर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायका ने भी मौके पर पहुंच कर रोगियों के उपचार में आवश्यक सहयोग प्रदान किया.

गांव में 3 दिन तक रहेगी स्वास्थ्य टीम

सीएमएचओ डा ऋषिश्वर के अनुसार उन्होंने अधीनस्थ अमले को निर्देश दिए हैं कि गांव में अगले तीन तक स्वास्थ्य टीम डेरा डालकर मॉनिटरिंग करेगी, ताकि किसी भी मरीज की हालत गंभीर न हो. उनके अनुसार फिलहाल हालात बहुत गंभीर नहीं हैं, लेकिन इसके बावजूद एहतियातन वहां पर एम्बुलेंस भी खड़ी करवा दी गई है. अगर किसी की तबीयत ज्यादा बिगड़ती है तो उसे आवश्यकता अनुसार करैरा स्वास्थ्य केंद्र अथवा जिला अस्पताल रेफर किया जाएगा.

बीएमओ डा रोहित भदकारिया ने बताया कि गांव के अस्पताल में स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है, जहां पर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य टीम गांव में घर-घर जाकर भी लोगों से बातचीत कर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है. उनके अनुसार घर-घर सर्वे में मिले मरीज कुल 112 मरीज सामने आए, जिनमें सौ मरीज उल्टी-दस्त से ग्रसित मिले.

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