8 साल के बच्चे को किडनैप किया, फिर कर दी हत्या… 26 साल बाद हुई गिरफ्तारी

दिल्ली पुलिस ने आठ साल के एक बच्चे के अपहरण और हत्या के मामले एक व्यक्ति को 26 साल बाद गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी की पहचान राज किशोर (55) उर्फ बड़े लल्ला के रूप में हुई थी. आरोपी उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात का रहने वाला है, जिसे 1996 में एक व्यापारी के बेटे की हत्या का आरोपी माना गया था. हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.

पुलिस उपायुक्त (अपराध) संजीव कुमार यादव ने कहा कि बाद में उसे 1999 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने छह सप्ताह की पैरोल दी थी, लेकिन पैरोल के बाद वह कभी जेल नहीं लौटा. उन्होंने आगे कहा कि 2014 में दोषी को भगोड़ा घोषित किया गया था. उसे 2 अगस्त को गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी से अरेस्ट किया गया है.

26 साल पहले घटना को दिया अंजाम

पुलिस के अनुसार,राज किशोर ने घटना को 28 दिसंबर, 1993 को अंजाम दिया था. राज और उसके साथियों ने कल्याणपुरी से एक कपड़ा कारखाने के मालिक के बेटे का अपहरण कर लिया था. इसके बाद बच्चे के पिता से 30,000 रुपये की फिरौती मांगी थी. पुलिस ने बताया कि पैसे मिलने के बाद बच्चे का गला घोंटकर हत्या कर दी थी और शव को कल्याणपुरी इलाके में एक नाले में फेंक दिया.

डीसीपी ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर कल्याणपुरी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. जांच और मुकदमे के बाद, राज किशोर को 1996 में कड़कड़डूमा सत्र न्यायालय ने दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

आरोपी बदल रहा था ठिकाना

राज किशोर तिहाड़ जेल में बंद था, 1999 में पैरोल पर छूटने के बाद से वह गिरफ्तारी से बचने के लिए अपना ठिकाना बदलता रहा. वह चार साल पटना में रहा, लगभग 13 साल जयपुर में रहा और फिर तीन साल के लिए पंजाब के बरनाला में रहने लगा. पुलिस ने बताया कि इस दौरान उसने छोटे-मोटे अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया. राज किशोर कम लोगों से ही मिलता-जुलता था. कभी-कभार कानपुर देहात स्थित अपने पैतृक गांव भी जाता था.

पुलिस ने ऐसे किया अरेस्ट

डीसीपी ने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ही वह स्थायी रूप से कानपुर लौटा और एक नए नाम से सिलाई का काम शुरू किया. पुलिस ने अभियान चलाकर उसको उसके ठिकाने से बाहर निकालने में कामयाब रही और गाजियाबाद में उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक, 10 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की मदद से दो महीने तक चले अभियान के बाद गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में राज किशोर का सहयोगी अपनी सजा पूरी कर चुका था.

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