ओडिशा के मयूरभंज जिले की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले 35 वर्षीय व्यक्ति को 20 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. विशेष लोक अभियोजक मनोरंजन पटनायक ने बताया कि न्यायाधीश संतोष कुमार नायक की फास्ट-ट्रैक अदालत ने दोषी को जेल की सजा सुनाते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को मुआवजे की राशि देने का निर्देश दिया है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, ये घटना 8 जुलाई, 2017 की है. उस रात दादी के साथ सो रही 15 वर्षीय लड़की को अपराधी ने अपने एक दोस्त के साथ अगवा किया. इसके बाद उसे जबरन पास के जंगल में ले गए, जहां दोनों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. इसके बाद चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे. लोगों को देखकर दोनों आरोपी फरार हो गए. इसके बाद लोगों ने बिसोई पुलिस स्टेशन को सूचित किया.
पुलिस ने पीड़िता के परिजनों की तहरीर के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया. इस मामले की जांच के दौरान एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन दूसरा अभी तक फरार चल रहा है. इधर अदालत में चल रही कार्यवाही के दौरान पीड़िता के बयान, 18 गवाहों और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तार आरोपी को दोषी करार दिया गया.
बताते चलें कि ओडिशा के मयूरभंज जिले में ही पिछले महीने एक अदालत ने 35 वर्षीय व्यक्ति को चार वर्षीय बच्ची से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. ये घटना जनवरी 2019 में बड़ासाही थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी, जब बच्ची घर पर अकेली थी. अपराधी पर अदालत ने 5 हजार का जुर्माना भी लगा है. अपराधी बच्ची को बिस्कुट का लालच देकर साइकिल पर अपने साथ पास के जंगल में ले गया.
विशेष लोक अभियोजक मनारंजन पटनायक ने बताया कि अपराधी ने जंगल में पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया. इसके बाद उसको वापस छोड़कर फरार हो गया. कुछ दिनों बाद पुलिस की गिरफ्त में आया. विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश संतोष कुमार नायक ने अपराधी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए उस पर 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. यह फैसला पीड़िता और 11 गवाहों के आधार पर दिया गया.