मध्य प्रदेश के मैहर में स्थित ओपन व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर में राष्ट्रीय प्राणी उद्यान नई दिल्ली से साल 2023 में सफेद बाघ टीपू को लगाया गया था, जिसकी मंगलवार को मौत हो गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि किडनी फेल होने की वजह से बाघ की मौत हुई है. वह पिछले तीन महीने से बीमार चल रहा था. सतना डीएफओ मयंक चांदीवाल और जू डायरेक्टर रामेश्वर टेकाम ने इस बात की पुष्टि की है. जू डायरेक्टर ने बताया कि महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी एण्ड जू मुकुन्दपुर के 11 साल के सफेद नर बाघ टीपू का स्वास्थ्य पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं था.
मंगलवार को हो गई बाघ की मौत
डायरेक्टर के मुताबिक एक हफ्ते से उसकी हालत और खराब होने की वजह से उसे गहन चिकित्सा इकाई (intensive care unit) में रखा गया था. जहां पर सभी पशु चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज चल रहा था, लेकिन मंगलवार को दोपहर में उसकी मौत हो गई और उसने 1 बजकर 54 मिनट पर उसने अंतिम सांस ली. मेडिकल ने बाघ का शव परीक्षण किया और मौत के कारणों की जांच के लिए बाघ के ऑर्गन के सैंपल ले लिए हैं.
अधिकारियों की मौजूदगी में शवदाह
डॉक्टरों ने बाघ की मौत की कारण को लेकर कहा कि शुरुआती तौर पर मौत की वजह क्रॉनिक किडनी फेल्युअर होना पाया गया. शव परीक्षण के बाद वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सफेद नर बाघ टीपू का शवदाह किया गया. इस दौरान की तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें अधिकारी सफेद नर बाघ टीपू को अंतिम विदाई देते नजर आ रहे हैं. 11 साल के सफेद नर बाघ टीपू की मौत के अब ओपन व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर में सिर्फ रघु, सोनम और मोहन बचे हैं. अपनी स्थापना से लेकर अब तक सफारी में 3 सफेद बाघों की मौत हो चुकी है.