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चीन-पाकिस्तान की नस-नस से वाकिफ, हर बॉर्डर से बाखबर…जानिए नए सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी के बारे में

देश के नए सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी होंगे. वह मौजूदा सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले उनका कार्यकाल एक महीने के लिए बढ़ाया गया था और 30 जून को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है. सरकार ने उप सेना प्रमुख के रूप में काम कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को 30 जून से अगले सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है.

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परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में सेवाएं दी हैं. मौजूदा समय में सेना में पूर्व उत्तरी सेना कमांडर सबसे वरिष्ठ अधिकारी होता है. नियम ये है कि सबसे वरिष्ठ सेना कमांडर को आर्मी चीफ के पद पर नियुक्त किया जाता है. इसके अलावा सेवारत थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) के रिटायरमेंट होने पर उप सेना प्रमुख को सेना प्रमुख बनाया जाता है. आइए लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के बारे में जानते हैं जिन्हें नए सेना प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

कौन हैं उपेंद्र द्विवेदी?

नए आर्मी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ है. वह सैनिक स्कूल रीवा, राष्ट्रीय रक्षा एकेडमी खड़कवासला के पूर्व छात्र रहे हैं. द्विवेदी यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के भी पूर्व छात्र हैं. उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन एंड आर्मी वॉर कॉलेज महू से भी कोर्स किया है. उनके पास डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में एम.फिल और स्ट्रैटेजिक स्टडीज व मिलिट्री साइंस में दो मास्टर डिग्री हैं. उन्हें 15 दिसंबर 1984 को सेना की 18 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला और बाद में 18 जम्मू-कश्मीर यूनिट की कमान भी संभाली. साथ ही साथ उन्होंने कई आतंकवाद विरोधी सफल अभियान चलाए. द्विवेदी ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर रणनीतिक मार्गदर्शन भी किया.

उनके बारे में कहा जाता है कि वे जटिल सीमा मुद्दे सुलझाने के लिए सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं और भारतीय सेना की सबसे बड़ी कमान के आधुनिकीकरण में योगदान दिया है. बख्तरबंद ब्रिगेड, माउंटेन डिवीजन, स्ट्राइक कोर का खास अनुभव है. इसके अलावा उत्तरी कमान में सभी रैंकों की तकनीकी दक्षता को बढ़ाने में भूमिका निभाई है. सेना में बिग डेटा, AI, क्वांटम और ब्लॉकचेन इस्तेमाल शामिल किया है. उन्हें परम विशिष्ट सेवा पद (PVSM), अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा जीओसी-इन-सी कमांडेशन कार्ड्स से भी नवाजे जा चुके हैं.

उपेंद्र द्विवेदी ने राजस्थान में भी संभाली थी अपनी यूनिट की कमान

39 साल के अपने शानदार करियर के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने देश के कोने-कोने में चुनौतीपूर्ण ऑपरेशनल एनवायरनमेंट में कमान संभाली है. उन्होंने कश्मीर घाटी के साथ-साथ राजस्थान में भी अपनी यूनिट की कमान संभाली. वे उत्तर पूर्व में सेक्टर कमांडर और असम राइफल्स के इंस्पेक्टर जनरल रह चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी पश्चिमी सीमाओं पर ऑपरेशनल रोल के साथ राइजिंग स्टार कोर्प्स की कमान संभाल चुके हैं. वह चीन के साथ विवादित सीमा मुद्दे को सुलझाने के लिए चल रही बातचीत में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं.

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