Vayam Bharat

International Tea Day 2024: कब और कैसे शुरू हुई चाय की शुरुआत? जानें एक रोचक कथा के साथ अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस पर कुछ रोचक जानकारियां!

पानी के बाद चाय, सबसे सस्ता पेय है. प्राचीनकाल से ही चाय स्वास्थ्यवर्धक माना गया है. चाय के पौधे (कैमेलिया साइनेंसिस) की खेती हजारों वर्षों से की जा रही. इसकी पत्तियों का इस्तेमाल औषधीय प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है. इस तरह चाय के उपयोग के बहाने मनुष्य इसका औषधीय लाभ भी प्राप्त करता है. सेल कल्चर, पशु और मानव शोधों से ग्रीन-टी के कैंसर-निवारक प्रभावों को दर्शाने वाले उत्साहजनक आंकड़े सामने आये हैं.

Advertisement

इस बात के भी प्रमाण मिले हैं, कि ब्लैक टी भी कई मामलों में लाभकारी साबित होते हैं. चाय का सेवन मनुष्य के कई छोटे-मोटे रोगों के लिए उपयोगी साबित हुआ है, जिसमें ह्रदय और चयापचय स्वास्थ्य का रखरखाव शामिल है, विभिन्न अध्ययन से पता चलता है कि ग्रीन और ब्लैक टी में मौजूद पॉलीफेनोल पॉली फेनोलिक यौगिक ह्रदय रोगों, विशेष रूप से एथेरोस्क्लेरोसिस और कोरोनरी हृदय रोग की रोकथाम में लाभकारी प्रभाव देखने को मिलते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास

लगभग 5000 साल पूर्व चीन में चाय के सेवन की शुरुआत की एक रोचक कहानी है, चीन के सम्राट शेन नुंग ने पहली बार चाय का स्वाद तब चखा, जब उन्होंने अपने सैनिकों के साथ एक पेड़ के नीचे शरण ली. एक पेड़ के नीचे किसी बर्तन में वह पानी उबाल रहे थे, तभी हवा से उड़ती चाय की पत्तियां मिश्रण में जा गिरी. पानी का रंग बदल गया, साथ ही स्वादिष्ट भी लगा.

इस तरह संयोगवश चाय की खोज हुई. आज चाय दुनिया भर के कई देशों का प्रमुख पेय पदार्थ बन गई. यह एक औषधीय उपचार है. अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के लिए पहला आंदोलन 2005 में शुरू हुआ, जिसे ट्रेड यूनियनों, छोटे चाय उत्पादकों, एशिया और अफ्रीका के सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया. उनका उद्देश्य चाय उत्पादकों के लिए उचित मूल्य और श्रमिकों के लिए जीवन यापन मजदूरी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना था. संयुक्त राष्ट्र ने बाद में 21 मई को एक अलग अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस शुरू करने की घोषणा की.

Advertisements