अनजान शहर में प्रॉपर्टी खरीदने का जानिए स्मार्ट तरीका, रियल एस्टेट एजेंट से लेकर डील तक

आप किसी अनजान शहर में प्रॉपर्टी लेना चाहते हैं, लेकिन उस शहर में आपकी पहचान का कोई नहीं है. तो जाहिर है आप किसी ब्रोकर या प्रॉपर्टी डीलर की मदद लेंगे. लेकिन सवाल ये है कि अगर शहर आपके लिए अनजान है तो आपके लिए सही प्रॉपर्टी का चुनाव करने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है. आपको उस प्रॉपर्टी के साथ-साथ रियल एस्टेट एजेंट का चयन करने से पहले भी कुछ जानकारियां होना जरूरी है.

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प्रॉपर्टी खरीदने से पहले बनाएं अपना बजट
प्रॉपर्टी खरीदने से पहले जरूरी है कि आप पहले ये फैसला लें कि आपका बजट कितना है. आप अपनी कमाई के हिसाब से घर खरीदने का बजट बनाए, जिससे आपका अपना बजट नहीं बिगड़ेगा, साथ ही कोशिश करें की ज्यादा से ज्यादा अमाउंट डाउन पेमेंट में दें, जिससे आपके ऊपर ईएमआई का बोझ ज्यादा नहीं पड़ेगा और भविष्य में किसी तरह का अगर आर्थिक झटका लगे तो आपको ज्यादा परेशानी नहीं होगी. जिस प्रॉपर्टी को खरीदने का प्लान बना रहे हैं, उसको खुद जाकर पहले जांच करें और आसपास के इलाके का भी दौरा करें, उसके बाद किसी रियल एस्टेट एजेंट की मदद लें.

प्रॉपर्टी एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा कहते हैं- एक अच्छे रियल एस्टेट ब्रोकर को अपने इलाके की अच्छी समझ होती है. जैसे उस क्षेत्र में निर्माण कब से शुरू हुआ, किस सरकारी एजेंसी ने विकास का काम किया, उस इलाके में कौन से प्रोजेक्ट विकसित हुए. क्या किसी निजी बिल्डरों की भागीदारी रही या फिर सरकारी एजेंंसी ने ही मकानों या अपार्टमेंट का निर्माण किया, उस क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति कैसी है- सीवर, सड़कें, परिवहन के साधनों के साथ शैक्षणिक सुविधाएं और बाजार में रोजमर्रा की खरीदारी संबंधी विकल्प वगैरह. एजेंट को अपने क्षेत्र के बारे में कितनी समझ है इस बात की तसल्ली करने के बाद ही किसी तरह की डील करें.

प्रॉपर्टी का भविष्य जानें
जिस इलाके में आप प्रॉपर्टी देख रहे हैं, वहां की भविष्य की संभावनाएं कैसी हैं उस बारे में भी अपने ब्रोकर से बात करें और उससे जानकारी लें कि वहां मॉल, परिवहन, फ्रेट कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं आने वाली हैं या नहीं. साथ ही उससे यह भी जानें कि कहीं उस क्षेत्र में ऐसी परियोजनाएं भी प्रस्तावित न हों, जिनसे आपका जीवन दूभर हो जाए. ऐसे प्रोजेक्ट में सीवेज वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, डंपिंग यार्ड वगैरह को शामिल किया जा सकता है. इस बात को ध्यान में रखें कि प्रॉपर्टी एजेंट्स के पास संभावित और प्रस्तावित परियोजनाओं की पूरी जानकारी रहती है.

ब्रोकर पर आंख बंद कर नहीं करें भरोसा
किसी एक ब्रोकर पर ही भरोसा न करें, इसके बजाय वहां कम से कम चार से पांच एजेंटों से मुलाकात करें, उनकी बातों को गंभीरता से सुनें, उनसे उनके पूर्व के अनुभवों और उस क्षेत्र में किए गए काम के बारे में जानें. आप उनके पुराने ग्राहकों से फीडबैक ले सकते हैं. साथ ही उनसे उस क्षेत्र विशेष की विशेषताओं और कमियों पर बात करें. इन सब बातों का विश्लेषण करते हुए आप ब्रोकर का चुनाव करें. एजेंट और ब्रोकर लुभावनी बातें कहते हैं, लेकिन वास्तविकता उसके ठीक उलट होती है, ऐसे में ब्रोकर के पूर्ववर्ती ग्राहकों की प्रतिक्रिया आपके लिए सटीक होगी. सबसे महत्वपूर्ण है आप किसी वकील से भी प्रॉपर्टी के पेपर्स की जांच कराएं.

कैसे करें ब्रोकरेज का निर्धारण

एक बार ब्रोकर का चयन करने के बाद आप उससे ब्रोकरेज या उसके कमीशन पर भी जरूर चर्चा कर लें. आम तौर पर संपत्ति की बिक्री अथवा किराये पर कोई भी डील करवाने पर एजेंट्स दो प्रतिशत का कमीशन या ​ब्रोकरेज बतौर शुल्क मांगते हैं, वहीं अनुभवी ब्रोकर इस काम को अंजाम देने के लिए एक प्रतिशत की हिस्सेदारी पर भी तैयार हो जाते हैं. आप चाहें तो उसे एक प्रतिशत राशि पर ही काम करने के लिए तैयार कर सकते हैं, लेकिन इस संबंध में रजामंद करने के लिए बेहतर यही होगा कि कोई भी सौदा करने से पहले ही आप उससे उसकी ब्रोकरेज के बारे में अंतिम निर्णय कर लें.

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