कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में आरोपी संजय रॉय के “करीबी सहयोगी” के रूप में पहचाने जाने वाले एएसआई अनूप दत्ता मंगलवार को मीडिया के सवालों से बचते नजर आए. उनका एक वीडियो सामने आया, जिसमें देखा गया कि वह मीडिया के सवालों से भाग रहे थे. उनके पीछे एक मीडियाकर्मी भी दौड़ रहा है लेकिन वह कुछ बात नहीं करते हैं.
#WATCH | RG Kar Medical College and Hospital rape-murder case | Accused Sanjoy's Roy close associate sprints and reaches CBI Special Crime Branch office in Kolkata. pic.twitter.com/RQezqhswEj
— ANI (@ANI) August 20, 2024
अनूप दत्ता, समन पर पूछताछ के लिए CBI दफ्तर जा रहे थे, जब उनका सामना मीडियाकर्मियों से हो गया, लेकिन उन्होंने कोई बात नहीं की. वह कोलकाता पुलिस की चौथी बटालियन के सदस्य हैं और मामले में पूछताछ के लिए CBI ने उन्हें समन भेजा था. बताया जा रहा है कि अनूप दत्ता को जांच एजेंसी ने आरोपी संजय रॉय के करीबी के रूप में चिन्हित किया है.
जांच एजेंसी CBI ने मामले को अपने हाथ में लेने के बाद संजय रॉय के करीबी और उसको किसी भी रूप में जानने वालों से पूछताछ कर रही है. कई को पूछताछ के लिए समन भी भेजा गया है. अनूप दत्ता को भी समन भेजा गया था लेकिन जब उनकी नजर मीडियाकर्मियों पर पड़ी तो वह भागने लगे. वह भागते-भागते सीधे CBI मुख्यालय के CGO कॉम्प्लेक्स में प्रवेश कर गए.
कोलकाता रेप-मर्डर केस में पूछताछ से आरोपी संजय रॉय के बारे में कई जानकारी सामने आई है. पता चला कि वह रेगुलर रेड लाइट एरिया में जाया करता था और शराब का आदी था. पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली की आरोपी ने घटना की रात भी खूब शराब पी थी. अब CBI उसका पॉलीग्राफी टेस्ट कराना चाहती है, जिसके लिए एजेंसी को कोर्ट से मंजूरी मिल गई है.
आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का भी पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जा सकता है, जो घटना के वक्त तक अस्पताल के प्रिंसिपल थे. बंगाल सरकार ने अस्पताल के वित्तीय मामलों को लेकर भी एक SIT बनाई है. पता चला कि अस्पताल में वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं, जिसकी जांच होगी.
कोलकाता पुलिस ने 14 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले में शीर्ष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. ड्यूटी में लापरवाही के कारण दो सहायक आयुक्तों और एक इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. कोलकाता पुलिस के उत्तर डिवीजन में तैनात दो सहायक आयुक्तों और विशेष शाखा में तैनात एक इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है. वे उसी रात आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा के प्रभारी थे.