AI सॉफ्टवेयर इंजीनिर अतुल सुभाष केस (Atul Subhash Case) में कई नई बातें सामने आई हैं. जौनपुर में निकिता सिंघानिया की पड़ोसन (Nikita Singhania Neighbor) ने कई राज उगले हैं. उन्होंने सिंघानिया परिवार के बारे में बताया- निकिता का परिवार मूल रूप से कोलकाता का रहने वाला है. यह परिवार कई साल पहले जौनपुर आकर बस गया था. मैं इस परिवार को पिछले 40 साल से जानती हूं. निकिता की मां निशा से अक्सर मेरी मुलाकात होती थी. वो मुझे स्थानीय न्यूट्रिशन और फिटनेस फैसिलिटी में मिलती थीं.
पड़ोसन ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, ‘सिंघानिया परिवार हमेशा एक निजी जीवन जीता था. पड़ोसियों से ज्यादा मेलजोल नहीं करता था. मैं निशा सिंहानिया से लगभग हर दिन मिलती थी और हम अपने पारिवारिक मामलों पर चर्चा करते थे. घटना से पहले भी वो मुझसे मिली थीं. उसने मेरी बेटी के बारे में पूछा, जो अब चार साल से शादीशुदा है. लेकिन उसने कभी भी अपनी बेटी (निकिता) के वैवाहिक विवाद के बारे में नहीं बताया. कोई भी यह कल्पना नहीं कर सकता था कि उनकी मुस्कुराती और चमकती हुई चेहरों के पीछे ऐसा विवाद छिपा था. हम सभी पड़ोसी हैरान हैं.’
उन्होंने कहा- निकिता के पिता स्व. मनोज सिंहानिया, समृद्ध मारवाड़ी समुदाय से थे. वो तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. उनके दो बड़े भाई सुशील और विनोद हैं. मनोज सिंघानिया पहले पुश्तैनी मकान में रहते थे. बाद में वो दूसरी जगह शिफ्ट हो गए. 2019 में मनोज की मृत्यु हो गई. इसके बाद वो लोग 6 महीना पहले ही खोआ मंडी शिफ्ट हुए. जौनपुर में उनकी कपड़े की काफी बड़ी दुकान है. नई जगह शिफ्ट होने के बाद उन्होंने दुकान के ऊपर दो मंजिल का मकान बनाया था.’
पड़ोसन ने बताया- जब निकिता की शादी हुई थी तो हमें भी उसमें नहीं बुलाया गया था. कफी कम लोग उसकी शादी में पहुंचे थे. हमें अतुल सुभाष के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. हमने तो न्यूज चैनल में उसके बारे में सुना. बहुत दुख हुआ इस खबर को सुनने के बाद. यहां आस-पास सभी लोग इस केस को जानकर हैरान हैं.
इससे पहले निकिता के ताऊ विनोद सिंघानिया ने भी परिवार के बारे में कई बातें बताई थीं. कहा- मुझे और मेरे पूरे परिवार को अतुल सुसाइड केस को जानकर बेहद दुख हुआ है. हमें तो यकीन ही नहीं हो रहा कि मेरे छोटे भाई की बेटी अपने पति के साथ ऐसा भी कुछ कर सकती है. हम अतुल के परिवार का दुख समझ सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसी की भी असमय मौत हो जाना, दुखद होता है. उन्हें भी दुख हुआ है.
मनोज के परिवार से बातचीत नहीं
विनोद सिंघानिया ने बताया- निकिता का पिता मेरा छोटा भाई था. उनका नाम मनोज था. हमारा एक और भाई भी है, जिसका नाम सुशील है. मनोज कई साल पहले हम लोगों से अलग हो गया था. उसके बाद सुशील भी अलग हो गया. मनोज ने फिर किराए के मकान में रहने के बाद 7-8 साल पहले अपना मकान बना लिया था. उसी में उसकी दुकान भी थी. उसका परिवार, हमसे दूर ही रहता था. बच्चों से कोई बातचीत या उनका हमारे यहां आना-जाना नहीं था.
शादी में भी नहीं बुलाया
उन्होंने आगे बताया- परिवार के सुख-दुख में भी मनोज और उसके घर वाले कभी नहीं आते थे. निकिता की शादी में भी हमें नहीं बुलाया गया. हमें तो दूसरों से पता चला कि निकिता की शादी भी हो गई है. इसके बाद 5 साल पहले मनोज की मौत हो गई थी. सुशील उनसे मिला है या नहीं, मैं इस बारे में भी कुछ नहीं जानता. हमें तो सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों से इस घटना के बारे में जानकारी मिली.