कोलकाता गैंगरेप केस: लॉ कॉलेज का सुरक्षा गार्ड भी गिरफ्तार, मामले में लापरवाही के गंभीर आरोप

कोलकाता:साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप केस में पुलिस ने एक और गिरफ्तारी की है। इस बार कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले तीन छात्रों की गिरफ्तारी हो चुकी थी, जिनमें एक पूर्व छात्र नेता और दो वर्तमान छात्र शामिल हैं…25 जून की रात कॉलेज परिसर में हुए इस जघन्य अपराध ने पूरा पश्चिम बंगाल हिला दिया है। पीड़िता के बयान और घटनास्थल से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने पाया कि गार्ड पिनाकी बनर्जी घटना के दौरान मौजूद था, लेकिन उसने अपनी ड्यूटी निभाने में लापरवाही बरती।पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पिनाकी बनर्जी ने आरोपियों के कहने पर अपना गार्ड रूम छोड़ दिया और पीड़िता को अकेला छोड़ दिया। पीड़िता द्वारा बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद उसने कोई सहायता नहीं की। न ही उसने घटना की सूचना कॉलेज प्रशासन को दी और न ही पुलिस को। पूछताछ के बाद कस्बा पुलिस स्टेशन ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। आज उसे अलीपुर अदालत में पेश किया जाएगा।

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राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की सदस्य अर्चना मजूमदार ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग को अब तक पीड़िता की स्थिति और मेडिकल जांच को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
मजूमदार के मुताबिक, पहले कहा गया था कि पीड़िता को कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन वहां मेडिकल नहीं हुआ। फिर कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अब NRS मेडिकल कॉलेज की बात कही जा रही है।उन्होंने आशंका जताई कि कहीं जानबूझकर मेडिकल जांच में देरी तो नहीं की जा रही। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला RG Kar मेडिकल केस जैसा न बन जाए, जहां शुरुआत में कार्रवाई पर सवाल उठे थे।

टीएमसी विधायक मदन मित्रा ने कहा कि कानून सभी के लिए समान है। अगर किसी ने अपराध किया है तो उसे सज़ा जरूर मिलेगी, लेकिन बिना सबूत के किसी को दोषी कहना भी गलत है। उन्होंने कहा कि मीडिया ट्रायल से बचना चाहिए और न्याय प्रक्रिया का पालन होना चाहिए।उन्होंने RG Kar केस की याद दिलाते हुए कहा कि CBI जांच के बाद भी कोलकाता पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया गया था। इसलिए जल्दबाज़ी में निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप केस में गार्ड की गिरफ्तारी ने कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग से लेकर स्थानीय नेताओं तक, सभी मामले की पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस केस में आगे क्या मोड़ आता है और न्याय कितनी तेज़ी से होता है।

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