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कोलकाता कांड: SC की शरण में पहुंचे संदीप घोष, HC के इस आदेश को दी चुनौती

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने सर्वोच्च अदालत में एक याचिका दायर की है, जिसमें कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है. इस आदेश में उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल किए जाने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था.

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24 अगस्त को कोलकाता हाई कोर्ट ने वित्तीय अनियमितताओं की एसआईटी से लेकर सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था. संदीप घोष के खिलाफ आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने संस्थान में कई मामलों में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें अस्पताल में शवों की तस्करी, बायो-मेडिकल कचरे में भ्रष्टाचार, निर्माण निविदाओं में भाई-भतीजावाद आदि जैसे आरोप लगाए गए थे.

इसकी जांच पहले कोलकाता पुलिस को सौंपी गई थी. 19 अगस्त को संदीप घोष के खिलाफ पुलिस ने IPC की धारा 120बी, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया था. इसके बाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद 24 अगस्त को सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली थी. उपरोक्त धाराओं के तहत ही संदीप सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिन्हें 10 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में भेजा गया है.

बताते चलें, CBI की हिरासत में भेजे गए संदीप घोष पहली रात जेल में बेचैन देखे गए. उनको मंगलवार की रात पूरी तरह से शाकाहारी खाना दिया गया, जिसे बिना इच्छा उन्होंने खाया और सोने के लिए चले गए. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, वो पूरी रात करवटें बदलते रहे. उन्हें नींद नहीं आई. हालांकि, वो बुरी तरह थके और निराश नजर आ रहे थे. उनको निजाम पैलेस के एमएसओ बिल्डिंग की 14वीं मंजिल पर लॉकअप में रखा गया है.

यहां अंदर और बाहर कुल चार सशस्त्र सीआरपीएफ कर्मी तैनात हैं. सूत्रों के मुताबिक, “सीबीआई हिरासत में डॉ. घोष की पहली रात बिना नींद के बीती है. उन्होंने अभी तक अपनी गिरफ़्तारी को स्वीकार नहीं की है.इसमें समय लगता है. क्योंकि यह उन लोगों के लिए बिल्कुल विपरीत परिस्थिति है, जो कभी सलाखों के पीछे नहीं रहे हैं. वो थोड़े नर्वस दिख रहे हैं. मंगलवार को कोर्ट से बाहर निकलते समय लोगों का गुस्सा देखकर उनकी घबराहट बढ़ गई है.”

यह बताया जा रहा है कि सोमवार को गिरफ्तार होने के बाद संदीप घोष को रात के खाने में शुद्ध शाकाहारी भोजन दिया गया, क्योंकि उस दिन काली पूजा थी. वो भगवान में विश्वास रखते हैं. अक्सर हर सुबह बालाजी मंदिर जाते हैं, जो कोलकाता के बेलियाघाटा इलाके में उनके घर से महज 50 मीटर की दूरी पर है. इसलिए, उनके अनुरोध पर रात के खाने में पूरी तरह शाकाहारी भोजन दिया गया. लेकिन उन्होंने मन से खाना नहीं खाया था.

कोर्ट से लौटने के बाद से डॉक्टर घोष बिल्कुल चुप हैं. जांच एजेंसी ने उन्हें शाम से आराम करने के लिए कुछ समय दिया, क्योंकि सोमवार रात को गिरफ्तारी के बाद से कई आधिकारिक प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद वे काफी थक गए थे. रात का खाना खाने के बाद संदीप घोष सोने चले गए, लेकिन वे ठीक से सो नहीं सके. सुबह उनको चाय, बिस्कुट और नाश्ता दिया गया, जिसे उन्होंने ठीक से खाया. बुधवार सुबह फिर से पूछताछ शुरू कर दी गई है.

CBI के तीन अधिकारी संदीप घोष से पूछताछ कर रहे हैं. बुधवार दोपहर एक घंटे के लंच ब्रेक के बाद फिर से पूछताछ शुरू कर दी गई है. सूत्रों का दावा है कि पूछताछ के दौरान संदीप घोष ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई वित्तीय अनियमितताओं में अपनी संलिप्तता से पूरी तरह इनकार कर दिया है. उनके साथ तीन अन्य आरोपियों बिप्लव सिंह, सुमन हाजरा और अफसर अली खान से भी सीबीआई लगातार पूछताछ कर रही है.

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