कोलकाता: PM मोदी आज तीन नए मेट्रो मार्गों का करेंगे उद्धाटन, एयरपोर्ट जाने वाले लाखों लोगों को होगा फायदा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोलकाता में तीन नए मेट्रो रूटों का उद्घाटन करेंगे, जिसमें  येलो लाइन (नोआपारा-जय हिंद/बिमान बंदर), ग्रीन लाइन (सियालदह-एस्प्लेनेड), और ऑरेंज लाइन (बेलेघाटा-हेमंत मुखोपाध्याय) शामिल है. ये मेट्रो रूट्स मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की परिकल्पना से प्रेरित थी. हालांकि, वह उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगी.

ममता बनर्जी ने दो बार रेल मंत्री के रूप में कार्य किया है- पहली बार 13 अक्टूबर 1999 से 16 मार्च 2001 तक और दूसरी बार 22 मई 2009 से 19 मई 2011 तक. उनकी दूरदर्शिता और रेलवे के विकास में योगदान ने कोलकाता की मेट्रो परियोजनाओं को नया आकार दिया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन तीनों मेट्रो लाइनों की मूल परिकल्पना ममता बनर्जी ने की थी, जब वह रेल मंत्री थीं.

अधिकारी ने बताया कि नोआपारा से जय हिंद (बिमान बंदर) तक की येलो लाइन का मूल संरेखण नोआपारा से बारासात तक बिमान बंदर के रास्ते था. इस संरेखण की घोषणा ममता बनर्जी ने 2009-2010 के रेलवे बजट में की थी. ये परियोजना कोलकाता के उत्तरी हिस्सों को एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है.

ग्रीन लाइन के सियालदह-एस्प्लेनेड खंड के लिए भी ममता बनर्जी ने मूल संरेखण में बदलाव किया. शुरू में यह लाइन सेंट्रल एवेन्यू के रास्ते चलने वाली थी, लेकिन ममता बनर्जी ने इसे हावड़ा मैदान से साल्ट लेक तक बीबीडी बाग और एस्प्लेनेड के रास्ते संशोधित किया. इस मार्ग का पहला चरण (विप्रो से साल्ट लेक स्टेडियम) फरवरी 2022 में शुरू हुआ था और साल्ट लेक स्टेडियम से सियालदह तक का खंड 11 जुलाई 2022 को चालू किया गया था.

ऑरेंज लाइन के लिए जो न्यू गड़िया (कवि सुभाष) से बिमान बंदर (जय हिंद) तक जाती है. इस संरेखण की घोषणा ममता बनर्जी ने 2009-2010 के रेल बजट के दौरान की थी. इस लाइन का पहला चरण (कवि सुभाष से हेमंत मुखोपाध्याय) 6 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटित किया गया था और अब दूसरा चरण (हेमंत मुखोपाध्याय से बेलेघाटा) शुक्रवार को शुरू होने जा रहा है.

विश्व-स्तरीय रेलवे स्टेशन

रेल मंत्री रहते हुए ममता बनर्जी ने अपने कार्यकाम में ना केवल मेट्रो परियोजनाओं को बढ़ावा दिया, बल्कि 101 रेलवे स्टेशनों को विश्व-स्तरीय बनाने की योजना भी प्रस्तुत की. इसकी शुरुआत 2009-2010 के रेलवे बजट में 50 स्टेशनों के विकास की घोषणा के साथ हुई. इसके बाद साल 2010-2011 के बजट भाषण में 10 और अन्य स्टेशनों को इस पहल में शामिल किया गया.

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