उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में कथित चुप्पी के लिए कुछ गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की आलोचना की. इसके साथ ही उन्होंने कोलकाता में जूनियर डॉक्टर से कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना को 2012 में हुए निर्भया कांड से भी ज्यादा बर्बर बताया है.
What happened on August 9, 2024 was not just an incident.
It was barbarity expressed in extremity, shaming humanity.
The victim happened to be from a category that is ever devoted to saving lives. @aiimsrishi #AIIMSRishikesh pic.twitter.com/CFWHlob31c
— Vice-President of India (@VPIndia) September 1, 2024
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश को एक ऐसी सुरक्षित और प्रणालीगत प्रक्रिया अपनानी होगी जिससें मानवता की सेवा में लगे किसी क्षेत्र के लोगों को कोई खतरा नहीं हो.
ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि साल 2012 में निर्भया कांड जैसी घटना घटी थी, इस कांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और इस घटना के बाद कानून में बदलाव हुआ था.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पूरी दुनिया हमारी ओर देख रही है. जो देश पूरी दुनिया को नेतृत्व दे रहा है और वसुधैव कुटुंबकम की बात कर रहा है, लेकिन जिस बेटी ने जनता की सेवा करने में न दिन देखा और न रात देखा. उसके साथ निमर्मता की अकल्पनीय हद कर हत्या कर दी गयी. इससे पूरी डॉक्टर बिरादरी, नर्सिंग स्टॉफ, हेल्थ वारियर्स चिंतित और परेशान हैं.
उन्होंने कहा कि इस तरह की बर्बर घटनाएं पूरी सभ्यता और देश को शर्मसार कर देती हैं और उस आदर्श को खंडित कर देती हैं जिसके लिए हमारा देश जाना जाता है.
Certain NGOs that take to the road at the drop of a hat, are now in silence mode.
We have to question them. Their silence is much worse than the culpable act of the perpetrators of this heinous crime.
Those who seek to play politics and earn brownie points, who keep on writing… pic.twitter.com/fiPphacpab
— Vice-President of India (@VPIndia) September 1, 2024
धनखड़ ने राष्ट्रीय सैन्य कॉलेज देहरादून में कहा में कहा कि कुछ एनजीओ, जो अक्सर मामूली घटना पर सड़कों पर उतर आते हैं, अब चुप्पी साधे हुए हैं. हमें उनसे सवाल करना चाहिए. उनकी चुप्पी 9 अगस्त 2024 को हुए जघन्य अपराध को अंजाम देने वालों के दोषी कृत्यों से कहीं ज़्यादा खराब है.
उन्होंने आगे कहा कि जो लोग राजनीति खेलने और अपने फायदे के लिए लगातार एक-दूसरे को पत्र लिख रहे हैं, वे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनने में विफल हो रहे है.
यह पहली बार नहीं है जब उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कोलकाता हत्याकांड को संबोधित किया है, जिसने पूरे देश में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है. इसके अलावा, धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष कपिल सिब्बल की आलोचना की, जिन्होंने एक कथित प्रस्ताव में इस घटना को “लक्षणात्मक अस्वस्थता” बताया और सुझाव दिया कि ऐसी घटनाएँ आम बात हैं.