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कोलकाता कांड: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष गिरफ्तार, 15 दिन की पूछताछ के बाद सलाखों के पीछे

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. भ्रष्टाचार के मामले में घोष के खिलाफ ये एक्शन हुआ है. इससे पहले सीबीआई घोष से 15 दिन से अधिक पूछताछ भी कर चुकी है. इतना ही नहीं सीबीआई ने घोष सहित उनके करीबियों के 15 ठिकानों पर भ्रष्टाचार मामले में छापेमारी भी की थी. घोष, आरोपी संजय रॉय समेत कुल 10 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी हो चुका है. घोष के अलावा सीबीआई ने 3 और लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में 4 गिरफ्तारियां हो गई हैं. इससे पहले देबाशीष, विक्रम सिंह और संजय विशिष्ठ को गिरफ्तार किया गया था.

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मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को रेप के बाद महिला डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी. आरोपी सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को वारदात के दूसरे दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था. कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. इस मामले में 16 अगस्त से मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से लगातार पूछताछ चल रही थी.

छापेमारी के बाद सीबीआई ने कहा था कि इस एक्शन में बहुत कुछ मिला है. सीबीआई की रेड के बाद अब सीबीआई ने बड़ा एक्शन लेते हुए घोष को गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई के साथ ही ईडी भी जांच कर रही है. जांच एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर केस हो या आरजी कर में भ्रष्टाचार का मामला, संदीप घोष की भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.

रेप और मर्डर मामले मेंएक प्रशासक के तौर पर घटना की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठे. दूसरे मामले में यानी कि भ्रष्टाचार के केस में उन पर सीधे आरोप हैं. कभी संदीप के सहयोगी रहे और आरजी कर के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने कोर्ट को बताया है कि संदीप मेडिकल ऑर्गेनिक कचरा भ्रष्टाचार, सरकारी धन का गबन, विक्रेताओं के चयन में भाई-भतीजावाद, कानून तोड़कर ठेकेदारों की नियुक्ति के अलावा कई वित्तीय अनियमितताएं शामिल हैं.

महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी और हत्या के मामले को लेकर बंगाल में लोगों का गुस्सा थम नहीं रहा है. पुलिस भी इस गुस्से का शिकार हो रही है. पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. सोमवार को पुलिस आयुक्त विनीत गोयल के इस्तीफे की मांग को लेकर पुलिस मुख्यालय लालबाजार तक रैली निकाली गई.

ये रैली कोलकाता के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों ने निकाली. जूनियर डॉक्टरों ने 14 अगस्त को मेडिकल कॉलेज में हुई तोड़फोड़ को रोकने में पुलिस पर निष्क्रियता के आरोप लगाए हैं. आंदोलनकारी डॉक्टरों को लालबाजार की ओर जाने वाले बीबी गांगुली मार्ग पर लगाए गए बैरिकेड्स से पहले ही रोक दिया गया. रैली निकालने वाले डॉक्टरों ने कहा कि उनकी रैली शांतिपूर्ण थी. वो लोग पुलिस आयुक्त से मिलना चाहते थे. मगर, उन्हें रोक दिया गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस आयुक्त का पुतला भी फूंका.

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