कोरबा: लखनपुर में सरकारी ज़मीन पर कब्ज़े की कोशिश, ग्रामीणों ने थाने में दर्ज कराई शिकायत

कोरबा: जिले के पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक अंतर्गत कटघोरा थाना क्षेत्र के ग्राम लखनपुर (खुटरा पारा) में भूमि तस्करी और शासकीय भूमि पर अवैध कब्ज़े को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. सोमवार को बड़ी संख्या में महिला और पुरुष ग्रामीण कटघोरा थाना पहुँचे और थाना प्रभारी धर्मनारायण तिवारी को अपनी शिकायत सौंपी.

ग्रामीणों का आरोप है कि गाँव के ही उपसरपंच रिखी यादव पिता स्व. नारायण प्रसाद यादव एवं उनके छोटे भाई कन्हैया यादव (सपरिवार) ने शासकीय भूमि खसरा नंबर 29/4/क/1, रकबा 0.312 हेक्टेयर पर जबरन कब्ज़ा कर लिया. बताया गया कि यह भूमि पूर्व में राजीव गांधी जलग्रहण मिशन के तहत उपयोग में लाई गई थी और ग्रामवासी इसकी रक्षा के लिए पौधरोपण कर रहे थे.

पौधों की उखाड़ फेंकी और जातिगत गालियाँ

ग्रामीणों के अनुसार 28 अगस्त 2025 को जब उन्होंने उक्त भूमि पर पौधारोपण किया, तो उसी दिन उपसरपंच रिखी यादव ने अपने ट्रैक्टर से पौधों को उखाड़ दिया और भूमि की जुताई कर दी. इस दौरान उन्होंने ग्रामवासियों को जातिगत गालियाँ दीं. इसके बाद 30 अगस्त को ग्रामीणों ने दोबारा पौधारोपण करने की कोशिश की तो रिखी यादव और उनके परिजनों ने लाठी-डंडों से हमला कर मारपीट और गाली-गलौच की.

आरोप: शासकीय भूमि बेचने का धंधा

ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाया कि रिखी यादव शासकीय भूमि पर कब्ज़ा कर बाद में उसे ऊँची कीमतों पर बेचने का धंधा करते हैं. पूर्व में भी कई सरकारी ज़मीनों को कब्ज़ा कर बेचने के मामले सामने आ चुके हैं. साथ ही, राजीव गांधी जलग्रहण मिशन के दौरान सचिव रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार किया था, जिसकी जाँच आज तक लंबित है.

पुलिस और प्रशासन से कार्रवाई की मांग

थाना प्रभारी धर्मनारायण तिवारी ने ग्रामीणों की शिकायत सुनने के बाद पोंडी उपरोड़ा के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तुलाराम भारद्वाज को मामले की जानकारी दी और ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि जाँच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले की शिकायत वे पूर्व में पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरबा, तहसीलदार पोंडी उपरोड़ा, एसडीओ (राजस्व) पोंडी उपरोड़ा और कलेक्टर कोरबा तक कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

उनका आरोप है कि कार्रवाई न होने से उपसरपंच और उनके परिजनों के हौसले बुलंद हैं और वे गाँव में भय का माहौल बना रहे हैं. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से शीघ्र जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की है, ताकि शासकीय भूमि को कब्ज़ा मुक्त किया जा सके.

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