कोरबा: जिले के पाली थाना इलाके के कोल माइंस क्षेत्र में इसी साल मार्च महीने में हुए हत्याकांड मामले में कोर्ट ने आगजनी 6 आरोपियों को जेल दाखिल कर दिया है. सभी ने पूर्व में निचली अदालत में जमानत की याचिका दायर की थी, जिसे ख़ारिज कर दिया गया था. इसके बाद सभी को कोर्ट में पेश होने के निर्देश मिले थे. यहाँ जमानत के अभाव में 6 लोगों को न्यायलय के निर्देश पर जिला जेल दाखिल करा दिया गया है.
वही इस प्रकरण में हत्या के बाद माहौल खराब करने के आरोपी, भाजपा नेता संजय भावनानी अबतक पुलिस के पकड़ से बाहर है और फरार चल रहे है. पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है. संजय भावनानी पर हत्याकाण्ड के बाद अस्पताल में उपद्रव मचाने, थाना परिसर में पुलिसकर्मियों से दुर्व्यवहार करने और कई जगहों पर आगजनी कर पाली नगर का शांति भांग करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
कब हुई थी रोहित जायसवाल की हत्या?
बता दें कि, जिले के पाली ब्लाक में संचालित एसईसीएल कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सरायपाली उपक्षेत्र कोयला खदान क्षेत्र में घटना दिनांक 28 मार्च 2025 की मध्य रात्रि में कोयला लोडिंग को लेकर हुए विवाद में ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल हत्या हो गई.
रोशन सिंह ठाकुर के की बड़ी बहन संध्या ठाकुर के यहा भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय भावनानी व अन्य लोगों के विरुद्ध तोड़फोड़, आगजनी व अन्य धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कराया गया. गैर जमानती धाराओं में दर्ज कराए गए अपराध में राहुल जायसवाल उर्फ अंकुश जायसवाल पुत्र उमाशंकर जायसवाल, कन्हैया जायसवाल उर्फ कृष्ण कुमार पुत्र विजय प्रकाश जायसवाल,अनिल कुमार जायसवाल पुत्र वेदप्रकाश जायसवाल, धर्मराज मरावी उर्फ धरमू मरावी पुत्र रामभरोसे मरावी (हत्या का चश्मदीद), राजेश डोंगरे पुत्र स्व. रामखिलावन डोंगरे (प्रत्यक्षदर्शी) व अन्य को आरोपी बनाया गया है.
प्रकरण में पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई और गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तारी के लगातार बढ़ते दबाव के बीच आखिरकार सोमवार को न्यायालयीन कार्रवाई के दौरान 6 आरोपियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. इन सभी आरोपियों का जेल वारंट जारी करने के निर्देश दिए गए. इसके उपरांत इन सभी को न्यायिक रिमांड पर जिला जेल दाखिल कराने की कार्रवाई की गई.
कौन है संजय भावनानी और क्या है आरोप?
बता दें कि इस पूरे हत्यकांड के साथ ही संजय भावनानी पर आरोप लगे है. घटना के संबंध में बताया गया है कि, भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय भावनानी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए थाने में ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल के साथ गाली-गलौज करते हो गई. आग लगाने का पूरे गाँव में खुली धमकी दी थी.
इसके बाद 5 घरों में तोड़फोड़ की गई थी, इसके अलावा बुजुर्ग और महिलाओं से मारपीट अभद्रता करते हुए आगज़नी जैसी बड़ी घटनाओं को दिया अंजाम दिया गया था. जिससे पाली थाना क्षेत्र में क़ानून व्यवस्था की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई थी. आलम लिया था लॉ एन्ड ऑर्डर को सुधारने और आम लोगों के साथ-साथ पुलिस कर्मियों को हमले से बचाने के लिए स्वयं जिला पुलिस कप्तान को पाली आना पड़ा था.
बावजूद इन सबकी आज पाली पुलिस संजय भावनानी को गिरफ़्तार नहीं कर पाई है. पीड़ित पक्ष की संध्या सिंह ठाकुर के द्वारा यह आशंका व्यक्त की गई है कि जिस तरह अभी तक गवाहों को डराने धमकाने का प्रयास किया गया है. मुख्य आरोपी भाजपा जिला उपाध्यक्ष और संजय भावमानी द्वारा अपने पद एवं पहुँच का फ़ायदा उठाते हुए आगे भी गवाहों को प्रभावित कर सकता है. पीड़ित पक्ष ने माँग किया है कि आरोपी संजय भावनानी की जल्द से जल्द गिरफ़्तारी सुनिश्चित की जाए.