कोरबा: सरकारी धन का दुरुपयोग… जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा में फोटोकॉपी बिलों से लाखों की बंदरबांट

कोरबा: सरकारी राशि को अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से निजी लाभ पहुँचाने का बड़ा मामला उजागर हुआ है. जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद भी चुनाव कार्य के नाम पर फोटोकॉपी बिल बनाकर लाखों रुपये का भुगतान दिया गया है. आरोप है कि जनपद सीईओ से लेकर शाखा प्रभारी तक ने स्थानीय चौहान टेलीकॉम को लाभ पहुंचाने का खेल खेला. यह दुकान जनपद कार्यालय के सामने स्थित है.

एक ही दिन में आठ बिल, बिना जीएसटी नंबर

जानकारी के मुताबिक 24 मार्च को एक ही दिन में 8 अलग-अलग बिल क्रमांक 181 से 193 जारी किए गए। इनमें प्रति फोटोकॉपी 2 रूपये की दर से कुल 3,86,760 के बिल बनाए गए। बिलों की राशि 47 हजार से लेकर 50 हजार तक दर्ज की गई, जिनका भुगतान 15वें वित्त आयोग की राशि से कर दिया गया. चौंकाने वाली बात यह है कि 17 फरवरी 2025 को पंचायत चुनाव की मतदान और मतगणना प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, इसके बावजूद एक माह बाद चुनावी खर्च के नाम पर यह बिल तैयार किए गए.

प्रश्न यह है कि जब चुनाव संपन्न हो चुका था तो चुनावी कार्यों के लिए फोटो कॉपी और स्टेशनरी का खर्च बाद में क्यों दिखाया गया? एक ही दुकान से हुए कार्य का एक ही बिल बनाने की बजाय 8 अलग-अलग बिल क्यों जारी किए गए? सूत्रों का कहना है कि जनपद पंचायत अधिकारियों और बाबुओं की मिलीभगत से चौहान टेलीकॉम को प्रायोजित लाभ पहुंचाने और कमीशन का खेल रचा गया.

विशेषज्ञों का मानना है कि 15वें वित्त आयोग की राशि का इस तरह फोटोकॉपी और स्टेशनरी जैसे खर्चों में उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है. सामान्य सभा की आड़ में इसे निर्वाचन से संबंधित कार्य बताकर भुगतान कर दिया गया. इस संबंध में पोड़ी-उपरोड़ा के जनपद सीईओ से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कार्यालय में संपर्क कर चर्चा करने की बात कही. और फोन काट दिया.

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