कोटा: जिले में नए आपराधिक कानूनों के तहत पहली बार सामुदायिक सेवा का दंड दिलवाया गया है. यह सफलता रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस की टीम ने कड़ी मेहनत और तत्पर कार्रवाई से हासिल की.
14 अगस्त को थाना प्रभारी रामस्वरूप मीणा के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल रामस्वरूप, कांस्टेबल सुरेश व नरेश सहित पुलिस टीम गश्त के दौरान नोर्दर्न बाईपास पहुंची. यहां रंगतालाब निवासी मुकेश कुमार (35) शराब के नशे में राहगीरों से दुर्व्यवहार करता मिला. ब्रेथ एनालाईजर जांच में 138 एमजी/100 एमएल शराब की मात्रा पाई गई.
पुलिस निरीक्षक रामस्वरूप मीणा ने मौके पर सतर्कता दिखाते हुए आरोपी को धारा 355 बीएनएस में गिरफ्तार किया. तत्पश्चात पूरी टीम ने दस्तावेज़ी कार्रवाई पूरी कर 18 अगस्त को मुकेश को एसीजेएम कोर्ट-1 में पेश किया.
माननीय अदालत ने आरोपी को जेल भेजने के बजाय 25 और 26 अगस्त को राजकीय महात्मा गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय, सोगरिया में सफाई व पौधों की देखभाल का सामुदायिक सेवा दंड सुनाया.
पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने रेलवे कॉलोनी थाना प्रभारी और उनकी टीम की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई टीम के समन्वित प्रयासों और नए कानूनों की समझदारी से की गई पहल का परिणाम है.
कोटा को पुलिस मुख्यालय ने नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मॉडल जिला चुना है. यह फैसला अपराधियों को जेल भेजने के बजाय समाज के लिए उपयोगी काम करने का अवसर देने और सुधारात्मक न्याय लागू करने की दिशा में अहम कदम है. यह मामला कोटा जिले में सामुदायिक सेवा दंड का पहला उदाहरण बन गया है.