कोटा: ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़, 6 सटोरिए गिरफ्तार — 18 करोड़ का हिसाब मिला

कोटा: महादेव सट्टा एप की तर्ज पर अलग-अलग ऑनलाइन गेमिंग पैनलों के जरिए करोड़ों रुपये का सट्टा खिलाने वाले एक बड़े गिरोह का कोटा पुलिस ने पर्दाफाश किया है. अनंतपुरा थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 18 करोड़ रुपये के ऑनलाइन सट्टे का हिसाब, 2 लैपटॉप, 33 मोबाइल फोन, 34 बैंक डेबिट कार्ड, 3 चेकबुक, 1 पासबुक, 7 मोबाइल चार्जर और 10 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.

मुखबिर की सूचना पर बनी विशेष टीम

पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौत्तम ने बताया कि 7 अगस्त 2025 को अनंतपुरा थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दीपश्री संग-संग अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 903 ए ब्लॉक में कुछ लोग ऑनलाइन सट्टेबाजी चला रहे हैं. सूचना को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी के निर्देशन, वृताधिकारी मनीष शर्मा के सुपरविजन और थानाधिकारी भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन कर छापेमारी की गई.

गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी

छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से छह लोगों  हर्षित प्रजापति, निखिल सुवालका, आकाश मेवाड़ा, हितेश प्रजापति, ओमप्रकाश गुर्जर और सुरेश देवासी  को गिरफ्तार किया. आरोपी फर्जी वेबसाइट और मोबाइल एप बनाकर क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस समेत कई खेलों पर ऑनलाइन सट्टा खिलाते थे। इनमें प्रमुख वेबसाइट थीं  chinkubook.com, finicch.com, skecc.com, chinkubook.games, betbhai9.red, chinku247.com, 20wickets.com, और ostin777.com

ऐसे फंसाते थे लोगों को

गिरोह व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप बनाकर लोगों को आसान कमाई का लालच देता था.

ग्राहकों को फर्जी वेबसाइट पर जोड़ने के लिए लिंक भेजते थे.

आईडी बनाकर रुपये जमा कराने पर वर्चुअल “कॉइन” देते थे, जिनसे सट्टा लगाया जाता था.

जब ग्राहक बड़ी राशि जीतता, तो उसे भुगतान नहीं किया जाता था.

यूपीआई के जरिए रकम अलग-अलग बैंक खातों में मंगवाई जाती थी.

यह नेटवर्क चेन सिस्टम की तरह काम करता था और पैसों का लेन-देन डिजिटल माध्यम से किया जाता था.

संगठित अपराध की धाराओं में मामला दर्ज

आरोपियों के खिलाफ थाना अनंतपुरा में प्रकरण संख्या 199/2025 दर्ज किया गया है, जिसमें नवीन आपराधिक कानून के तहत संगठित अपराध (धारा 318(4), 316(2), 112(2), 61(2)(B) BNS, 86(D) IT एक्ट व 3/4 RPGO) की धाराएं लगाई गई हैं. आरोपियों को न्यायालय में पेश कर 5 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है पुलिस अब साइबर विशेषज्ञों की मदद से वेबसाइटों के सर्वर, होस्टिंग और गिरोह के सरगना का पता लगा रही है.

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