गोंडा: बजाज हिंदुस्थान शुगर मिल लिमिटेड, कुंदुरखी इकाई के लिए चीनी और शीरे की बिक्री से कमाई गई रकम अब गले की फांस बन गई है. गन्ना किसानों की मेहनत की कमाई का भुगतान न करने पर अब मिल के यूनिट हेड पीएन सिंह, वित्त एवं लेखाधिकारी राजीव पांडेय और प्रबंध निदेशक अजय कुमार शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
मामला तब खुला जब सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड के सचिव डॉ. राम मिलन ने मोतीगंज थाने में तहरीर दी। तहरीर में बताया गया कि पेराई सत्र 2024-25 में चीनी मिल ने कुल 75.16 लाख क्विंटल गन्ना खरीदा, जिसके एवज में किसानों को 2 अरब 77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था। लेकिन अब तक केवल 89.88 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया है.
चीनी मिल द्वारा 6 जून को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक, इस सत्र में 7.33 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हुआ, जिसमें से 5 लाख क्विंटल चीनी पहले ही बिक चुकी है। इससे मिल को 1 अरब 86 करोड़ 18 लाख रुपये मिले, जबकि शीरे की बिक्री से 17 करोड़ 74 लाख रुपये की अतिरिक्त आय हुई।
सचिव का आरोप है कि इतनी बड़ी रकम मिलने के बावजूद मिल प्रबंधन ने किसानों को उनका बकाया देने के बजाय रकम को दूसरे मदों में खर्च कर दिया.
मोतीगंज के प्रभारी निरीक्षक अरविंद यादव ने पुष्टि की है कि धोखाधड़ी, गबन और आर्थिक अनियमितताओं के आरोप में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
गन्ना किसानों की उम्मीद अब कानून पर टिकी है कि उन्हें उनका हक जल्द मिलेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
फाइल में दर्ज आंकड़े, बड़ा घोटाला होने की ओर इशारा कर रहे हैं, देखना होगा जांच में और क्या खुलासे होते हैं.