कुशीनगर : पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो भोले भाले लोगों को विदेश में नौकरी का सब्जबाग दिखाकर उन्हें फर्जी तरीके से लाओस और कंबोडिया भेजते थे.
फिर वहां उन्हें बंधक बनाकर उनसे साइबर क्राइम करवाते थे. पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस की गिरफ्त में आए शातिर ठगों के पास से अलग-अलग नाम के 8 पासपोर्ट, सरकारी अफसरों के 26 फर्जी मोहर, पांच एटीएम कार्ड, एक आधार कार्ड और दो लैपटॉप बरामद किया है. तरयासुजान थाने की पुलिस ने स्वाट टीम के साथ मिलकर यह खुलासा किया है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
विदेश में नौकरी का युवक का सपना होता है. युवकों के इसी सपने का लाभ ठग उठाते हैं. कुशीनगर में भी ऐसे ही ठग युवकों को विदेश में भेजने का सब्जबाग दिखाकर उन्हें साइबर क्राइम जैसे अपराध में धकेल देते थे. युवकों को जबतक समझ आता तबतक विदेशों में वे बंधक बन जाते थे. बीते 1 सितम्बर को नन्दन पांडेय नामक युवक ने तरयासुजान थाने में प्रार्थना पत्र देकर बगल के गांव के रहने वाले अभिषेक पांडेय पर विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने का आरोप लगाया.
पुलिस ने केस दर्ज करते हुए जांच शुरू किया तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया. पुलिस ने मुकदमे के आरोपी अभिषेक पांडेय से पूछताछ किया तो पूरे गैंग का पता चला जिसके बाद पुलिस ने बिहार के रहने वाले राहुल राय और चूसमन शाह को गिरफ्तार कर लिया. तीनों मिलकर एक गिरोह चलाते थे. यूपी और बिहार के युवकों को लाओस और कंबोडिया भेजते थे, जहां उन्हें एक बिल्डिंग में बंधक बना दिया जाता था. फिर उनसे साइबर क्राइम कराया जाता था. एक बार साइबर क्राइम में फंसने के बाद युवकों को कानून और सजा का भय दिखकर उनसे जबरदस्ती काम कराया जाता था. साइबर क्राइम फंसने के बाद युवक डर के मारे किसी के सामने मुंह भी नहीं खोलते थे. इसी का लाभ इस गिरोह के लोग उठाते थे.
तरयासुजान थाने की पुलिस ने स्वाट टीम के साथ मिलकर इस गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया जिसके बाद यह खुलासा हो सका. अपर पुलिस अधीक्षक रितेश कुमार सिंह ने बताया कि इस गिरोह के लोग भोले भाले युवकों को झांसे में लेकर लाओस और कंबोडिया भेजते थे. उसके बाद उनसे साइबर क्राइम कराते थे. इस गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार करके जेल भेजने के साथ ही पुलिस अन्य बिंदुओं पर जांच कर रही है.