रीवा : मनगवा रीवा जिले की तहसील मनगवा में सार्वजनिक शौचालय पर ताला जड़ दिए जाने से तहसील परिसर में काम करने वाले अधिकारियों, अधिवक्ताओं और न्यायालय से जुड़े लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है.विशेष रूप से महिला कर्मचारियों और महिला अधिवक्ताओं के लिए यह स्थिति गंभीर परेशानी का सबब बन गई है.
तहसीलदार का आदेश, कर्मचारियों की परेशानी
सूत्रों के अनुसार, तहसीलदार सुमित गुप्ता ने 5 जनवरी 2025 को तहसील परिसर में स्थित शौचालय को बंद करने का आदेश जारी किया.उनका कहना है कि शौचालय से बदबू आती थी और इसकी स्वच्छता बनाए रखना संभव नहीं था.
तहसीलदार ने सफाई व्यवस्था की कमी को इस फैसले की प्रमुख वजह बताया और कहा कि जब तहसील का निर्माण हुआ था, तभी इस समस्या को ध्यान में रखा जाना चाहिए था.
महिला कर्मचारियों और अधिवक्ताओं की समस्या हुई विकराल
शौचालय बंद होने के कारण तहसील में कार्यरत महिला तहसीलदारों साधना सिंह, महिमा पाठक, रेखा मिश्रा सहित कई अन्य महिला अधिकारी और कर्मचारी गंभीर परेशानी का सामना कर रही हैं.इसके अलावा, महिला अधिवक्ता रानी तिवारी और अन्य महिला
महिलाओं का कहना है कि पुरुष किसी तरह खुले में भी निपट सकते हैं, लेकिन महिलाओं के लिए यह स्थिति बेहद शर्मनाक और असुविधाजनक है। न्यायालय से जुड़े कार्यों के लिए आने वाली महिलाओं को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है, जिससे उनका कार्य प्रभावित हो रहा है.
स्वच्छता अभियान पर सवाल
एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री द्वारा ‘स्वच्छ भारत मिशन’ और ‘समग्र स्वच्छता अभियान’ को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर तहसील जैसे महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालय में शौचालय पर ताला लगाना इन अभियानों की सफलता पर सवाल खड़े करता है.स्थानीय नागरिकों और अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि शौचालय गंदा था तो उसकी सफाई की जिम्मेदारी तहसील प्रशासन की थी, न कि ताला लगाने की.
अधिवक्ता संघ ने जताया विरोध
इस मुद्दे को लेकर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रभात चंद द्विवेदी ने तहसीलदार सुमित गुप्ता से इस विषय में चर्चा की। तहसीलदार ने सफाई दी कि उन्होंने एसडीएम साहब के आदेश पर यह निर्णय लिया है.हालांकि, इस मामले पर तहसीलदार और एसडीएम से प्रत्यक्ष संपर्क नहीं हो पाया, जिससे स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल सका.
प्रशासन की चुप्पी, लोग बेहाल
इस मामले में तहसील प्रशासन की चुप्पी और अनदेखी को लेकर तहसील परिसर में काम करने वाले लोग आक्रोशित हैं. वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द शौचालय को फिर से खोला जाए और इसकी नियमित सफाई की व्यवस्था की जाए.
स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
तहसील में आने वाले स्थानीय नागरिकों का कहना है कि शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा को बंद करने के बजाय उसकी साफ-सफाई और रखरखाव पर ध्यान दिया जाना चाहिए. अधिवक्ताओं और कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और स्थायी समाधान निकालना चाहिए.
तहसील मनगवा में शौचालय की बंदी से आम लोगों, विशेषकर महिलाओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.प्रशासन को इस मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए ताकि न्यायिक कार्यों में आने वाले लोगों को असुविधा से निजात मिल सके। तहसील के कर्मचारियों और अधिवक्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर जल्द ही उच्च अधिकारियों से मुलाकात करने का निर्णय लिया है.