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लेडी अफसर प्रियंका बिश्नोई का निधन: जोधपुर में इलाज के बाद बिगड़ गई थी तबीयत, अहमदाबाद सिम्स में तोड़ा दम

SDM Priyanka Bishnoi: राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की अधिकारी और जोधपुर एसीएम रह चुकीं प्रियंका बिश्नोई ने करीब 15 दिन चले इलाज के बाद अहमदाबाद के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया. प्रियंका बिश्नोई ने जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में बच्चेदानी का ऑपरेशन करवाया था, लेकिन हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अहमदाबाद के सिम्स ले जाया गया था. परिवार ने जोधपुर के डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है. कलेक्टर के आदेश पर मामले की जांच की जा रही है.

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RAS अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की इलाज में लापरवाही को लेकर जोधपुर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ जांच करने के आदेश दिए थे.

मूलत: बीकानेर की रहने वाली प्रियंका बिश्नोई जोधपुर में सहायक कलेक्टर के पद पर तैनात थीं. बीते कुछ दिनों से उनके इलाज में जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा था. प्रियंका बिश्नोई की मौत की खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग हजारों पोस्ट कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.

जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में इलाज के बाद तबीयत बिगड़ने पर परिजन अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल ले गए जहां बुधवार की रात प्रियंका की मौत हो गई. इस प्रशासनिक अधिकारी प्रियंका बिश्नोई की मौत पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दुख प्रकट किया है.

CM ने ‘X’ पर लिखा, ”राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी प्रियंका बिश्नोई जी का निधन अत्यंत दुःखद है. प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा परिजनों को यह शोक सहन करने का सामर्थ्य प्रदान करें.”

बिश्नोई समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से पूरे मामले को लेकर सीबीआई जांच की मांग की है. वहीं, इस पूरे मामले पर डॉ. एस.एन मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. भारती सारस्वत ने कलेक्टर के आदेश पर पांच डॉक्टरों की टीम गठित की. इस कमेटी में स्त्री एवं प्रसूति विभाग से डॉ. रंजना देसाई, मेडिसिन से डॉ. इंदू थानवी, सर्जरी से डॉ. विजय शर्मा,एनेस्थीसिया से डॉ. नवीन पालीवाल, न्यूरोलॉजी से डॉ. शुभकरण खिचड़ को शामिल किया गया है.

प्रियंका बिश्नोई का अंतिम संस्कार फलोदी के सूरपुरा में किया जाएगा. वसुंधरा हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर संजय मकवाना ने बताया कि 5 सितंबर को सर्जरी के बाद प्रियंका शाम और पूरी रात ठीक थीं. सुबह उन्हें चिड़चिड़ापन महसूस हुआ, जिसके लिए रक्त परीक्षण किए गए, जिसमें कुछ इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन दिखाया गया, जिसके लिए उन्हें आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया और आगे की जांच की गई और तदनुसार प्रबंधन किया गया, लेकिन उनका चिड़चिड़ापन जारी रहा.

इस बीच सोनोलॉजिस्ट ने किसी भी कारण का पता लगाने के लिए पेट का स्कैन किया. हृदय रोग विशेषज्ञ ने किसी भी विकृति को दूर करने के लिए इकोकार्डियोग्राफी भी की. चिड़चिड़ापन और बेचैनी का कारण जानने के लिए न्यूरोलॉजिस्ट को बुलाया गया. इस बीच परिचारकों ने आगे के प्रबंधन के लिए रोगी को अहमदाबाद स्थानांतरित करने का अनुरोध किया. वहां पहुंचने पर सीटी स्कैन ने मस्तिष्क में अलग-अलग रक्तस्राव दिखाया, जो मुख्य रूप से एवी विकृति (जन्मजात विकृति) के कारण है.

प्रियंका बिश्नोई का शव गुरुवार सुबह जोधपुर पहुंचा, जहां एम्स हॉस्पिटल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम जारी है. लेकिन बिश्नोई समाज के लोगों की मांग है कि वसुंधरा हॉस्पिटल के खिलाफ केस दर्ज किया जाए. इसे लेकर सैकड़ों की तादाद में समाज के लोग धरने पर बैठे हैं.

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