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लखीमपुर: बिना परमिट दौड़ रहीं बसें, रोजाना हादसे, परिवहन विभाग पर सवाल!

लखीमपुर खीरी :  बिना परमिट चलने वाली बसों पर कार्रवाई के लिए,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर बिना परमिट चलती मिलीं बसें,तो बड़े अफ़सरों पर कार्रवाई की जाएगी फिर भी परिवहन विभाग अनजान बना बैठा है.

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आपको बता दें की सड़कों पर मुसाफिरों की सुरक्षा खतरे में है. ऐसा पिछले कई वर्षों से हो रहा है. लेकिन इसे देखकर भी आरटीओ यातायात पुलिस एवं प्रशासन के जिम्मेदार अंजान बने हुए हैं. जनपद लखीमपुर से लेकर निघासन में चल रही लॉन्ग रूट की बसे चारों रोड व कई स्थानों पर हर दिन दर्जनों ज्यादा बसें बिना परमिट एवं बिना फिटनेस के दिल्ली, हरियाणा,जालंधर,पंजाब,देहरादून,चंडीगढ़,

राजस्थान,हापुड़,गोरखपुर, लखनऊ, दिल्ली के लिए सवारियां भरकर मनमाने तरीके से किराया वसूल कर ले जाते है बस में ना जगह होने के कारण बस में सीटों के बीच स्टूल डालकर सवारियों को बिठाया जाता है. जिससे उनको चोट लगने का खतरा बना रहता है. या कोई सवारी उनसे जवाब तलब करती है तो सवारियों को भी आए दिन लोहे की राड व लाठी डंडों से मारा जाता है.

आपको बताते हैं चले कि निघासन में झंडी रोड पर कई घंटे दुकान के आगे खड़ी कर गाड़ी अपना रोब झड़ते रहते हैं कहते हैं कि परिवहन विभाग को और रोड विभाग को हम टैक्स देते हैं क्या करोगे मेरा हम तुम्हारे दुकान के आगे बस अड्डा बना देंगे इस बात को लेकर दुकानदार व ड्राइवर से हुई थी.

तीखी नोकझोंक जिसमें ड्राइवर ने लोहे की राड लेकर दुकानदार के बाजू पर मारा दुकानदार यंग होने के कारण केवल बाजू का मांस फटा. जिसके सिलसिले में व्यापार मंडल वालों ने मिलकर लॉन्ग रोड की बसों के खिलाफ कोतवाली निघासन में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है साथ ही आपको बताते चले की चौराहे पर गाड़ी खड़ी करने की वजह से कई घंटे चौराहा आए दिन जाम रहता है.

जिसके चलते व्यापार मंडल की दुकानदरो पर बहुत बड़ा फर्क पड़ रहा है जिससे नगर पंचायत निघासन के द्वारा टैक्स तय किया गया है जिसको जिसको दुकानदारों ने अभी तक नहीं भर पाए हैं दूसरी तरफ निघासन क्षेत्र में आई बाढ़ की वजह से किसानों का भारी नुकसान हुआ वहीं अब दुकानदारों पर जाम की वजह से फर्क पड़ रहा है.

इन बसों के पास टूरिस्ट के लिए जारी परमिट होती है। पर यह धड़ल्ले से सवारियां ढोने में पीछे नहीं रहती. इनका काकस इतना मजबूत है कि जहां निजी बसें खड़ी होती हैं वहां पर रोडवेज के चालक भी बसों को रोककर सवारियां भरने से घबराते हैं.

विभाग के कुछ कर्मियों की मदद से यह रोड पर दौड़ती हैं। यातायात पुलिस भी सामने से गुजरती है, पर इस अवैध धंधे को रोक पाने में यह खुद को असहाय पाते हैं। इसकी असली वजह क्या है, यह किसी को पता नहीं. एआरटीओ विभाग को यह भी पता नहीं कि कितने बसों को सवारियां ढोने की परमिट मिली हुई है.

यातायात निरीक्षक का कहना है कि वाहनों की चेकिग नियमित होती है. बिना कागजात पाए जाने वाले वाहनों का चालान भी किया जाता है.जनपद में विभिन्न स्थानों पर इनकी वजह से मार्ग दुर्घटनाएं आये दिन होती रहती है। इनमें महिलाएं समेत पुरषो व बच्चों ने अपनी जान गंवाई है। और लोग घायल हुए हैं। बड़ी संख्या में मौत के बावजूद जिम्मेदारों की निगाह खटारा वाहनों पर नहीं है.

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