लखीमपुर खीरी : यूपी में कोरोना ने एक बार फिर दस्तक दे दी है। गाजियाबाद में कोरोना के चार केस सामने आए हैं.कोरोना को लेकर जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर पड़ताल की गई तो फरधान व मोहम्मदी सीएचसी में ऑक्सीजन प्लांट बंद मिले.दोनों ही जगह ऑक्सीजन सिलिंडर से काम चलाया जा रहा है। वहीं जिला व महिला अस्पताल में प्लांट चालू हालत में मिले.
ऑक्सीजन प्लांट को लेकर सोमवार को पड़ताल की गई तो जिला अस्पताल में लगा ऑक्सीजन प्लांट चालू मिला। इससे मरीजों को सप्लाई दी जा रही थी.वहीं महिला अस्पताल में लगा प्लांट भी चलता मिला। हालांकि जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत खराब है.कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जनप्रतिनिधियों के प्रयास से जिले में 10 ऑक्सीजन प्लांट किए गए थे.
इनमें छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, एक जिला चिकित्सालय, एक जिला महिला चिकित्सालय के अलावा 200 बेड एमसीएच हॉस्पिटल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला में प्लांट लगने थे.बताया जा रहा है कि जिला महिला अस्पताल में लगे ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता एक हजार लीटर पर मिनट है.
मोहम्मदी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ऑक्सीजन प्लांट कोरोना काल में विधायक निधि से बनवाया गया था.जो तकनीकी कारणों से खराब मिला.हालांकि मरीजों को परेशानी न हो, इसको लेकर सीएचसी पर 20 ऑक्सीजन सिलेंडर भरे मौजूद हैं.
पसगवां सीएचसी में ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगा है। यहां 12 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 10 ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध मिले। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अश्वनी वर्मा ने बताया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध है।
बिजुआ में सीएचसी में ऑक्सीजन प्लांट नहीं लगा है। ऑक्सीजन कंसट्रेटर तथा ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं। पीएचसी पड़रियातुला, मूडासवारान, भीरा में आक्सीजन सिलिंडर नहीं है.इमरजेंसी मरीज बिजुआ भेजे जाते हैं.
फरधान सीएचसी में दो साल से खराब पड़ा है प्लांट
फरधान सीएचसी में ऑक्सीजन प्लांट 40 लाख की लागत से 2021 में बनाया गया था.ऑक्सीजन प्लांट के बनते ही स्वास्थ्य मंत्री ने आकर उद्घाटन किया था.हालांकि यह प्लांट करीब दो साल से बंद पड़ा है। बताया जा रहा है कि प्लांट की वायरिंग फुंक गई है.दो साल से वायरिंग फुंकने के बाद से प्लांट वैसे ही पड़ा है.किसी ने इसे बनवाने की जहमत नहीं उठाई.
चिकित्सकों के अनुसार, गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को जैसे-तैसे बाहर से रिफिल कराने के बाद सिलिंडर से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाती है.बताते हैं कि बनने के बाद से यह प्लांट अब तक तीन बार खराब हो चुका है.सीएचसी अधीक्षक डॉ. अमित बाजपेयी ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट दो साल से से खराब पड़ा हुआ है.दो साल से प्लांट की पूरी वायरिंग फुंकी हुई है.इसको सही करने के लिए करीब साढ़े तीन लाख का एस्टीमेट बना है.अधिकारियों को सूचना दी गई है, लेकिन अब तक सही नहीं कराया गया है.जरुरतमंद मरीजों को सिलिंडर से ऑक्सीजन दी जाती है.