लखीमपुर खीरी : जिला अस्पताल में कई मुख्य जांचें नहीं हो रही हैं. इससे मरीजों को प्राइवेट लैब में महंगा दाम पर जांचें करानी पड़ रही हैं. या फिर जांच के लिए 135 किलोमीटर की दूरी तय कर लखनऊ तक सफर करना पड़ रहा है. इससे मरीजों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मेडिकल कॉलेज चालू हो जाने के बाद इन समस्याओं से निजात मिलने की बात कह रहे हैं.
चिकित्सक व दवा की कमी से जूझ रहे जिला अस्पताल पहुंचने वाले मरीज मायूस होते हैं. अब जांच के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है. पहले सीटी स्कैन की सुविधा जिला अस्पताल में थी, लेकिन जिला अस्पताल के मोतीपुर ओयल में जाने और जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निर्माण शुरू होने के बाद से मरीजों के लिए यह सुविधा भी डेढ़ साल से बंद है. वहीं एमआरआई जांच के लिए मरीजों को राजधानी लखनऊ तक जाना पड़ रहा है.
इसके अलावा हार्ट के लिए टूडी इको और कोविड के लिए ट्रू-नॉट की जांच भी जिला अस्पताल में नहीं होती है. प्रतिदिन करीब 1300 से 1500 तक मरीज जिला अस्पताल आते हैं। इसमें करीब 10 प्रतिशत लोग इन जांचों के सहारे रहते हैं. इसके बावजूद उन्हें कई वर्षों से यह सेवा नहीं मिल पा रही है.
जिला अस्पताल में जांच न मिल पाने के कारण उन्हें मजबूरन मोटा पैसा खर्च कर प्राइवेट लैब में जांच करानी पड़ रही है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी जल्द से जल्द इन जांचों को शुरू कराने की महज बात कर रहे हैं.
प्राइवेट लैब में इतनी खर्च होती है रकम
एमआरआई – करीब 6500 से शुरुआत
सीटी स्कैन – 2700-3000
टूडी इको – 2500-3000
ट्रू नॉट – 1500-2000
डॉ. संतोष गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया मेडिकल कॉलेज शीघ्र ही शुरू हो जाएगा. इसके बाद जो जांच नहीं हो पा रही हैं, वह भी शुरू हो जाएंगी. उच्च क्वालिटी की सीटी स्कैन मशीन लगवाई जाएगी, जो अन्य मशीनों की अपेक्षा चार गुना बेहतर होगी.