लखीमपुर खीरी: जिले के एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने बिना सहमित के महिला की बच्चेदानी निकाल दी. हालत बिगड़ने पर उसे लखनऊ रेफर कर दिया. पीड़ित महिला को गोद में उठाकर उसका पति बुधवार को डीएम कार्यालय पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई. लखीमपुर खीरी में झोले में शिशु का शव लेकर डीएम कार्यालय पहुंचे पिता का मामला अभी थमा नहीं था. इस बीच बुधवार को एक युवक अपनी पत्नी को गोद में लेकर कलक्ट्रेट पहुंचा.
उसने आरोप लगाया कि निजी अस्पताल में उसकी बिना सहमति और जरूरी जांच के डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने पत्नी की बच्चेदानी निकाल दी. पीड़ित युवक ने कहा कि वह करीब 15 दिन पहले न्याय की उम्मीद में सीएमओ के दरवाजे तक पहुंचा था, लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. थक-हारकर अब वह जिलाधिकारी की चौखट पर पहुंचा और लिखित शिकायत देकर जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
फूलबेहड़ के गांव सरवा निवासी विनोद कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी पूजा (25 वर्ष) गर्भवती थी. 5 अगस्त को उसने पूजा को शहर के लालपुर के करीब न्यू लाइफ हॉस्पिटल में भर्ती कराया था. ऑपरेशन के दौरान डॉ. मीना वर्मा और डॉ. रहीश खान ने गलत ऑपरेशन कर दिया. इससे डिलीवरी के बाद पूजा के रक्तस्राव होने लगा.
हालत बिगड़ने पर कर दिया था लखनऊ रेफर
आरोप है कि ब्लीडिंग न रुकने पर चिकित्सकों ने उससे बिना पूछे ही पूजा की बच्चादानी निकाल दी. ब्लीडिंग फिर भी नहीं रुकी तो प्रसूता को लखनऊ के एक निजी अस्पताल रेफर कर दिया. मामले के बाद पीड़ित परिजनों और अस्पताल संचालक के बीच खर्च को लेकर समझौता हुआ कि इसका खर्च न्यू लाइफ हॉस्पिटल देगा.
पीड़ित ने बताया कि इलाज में उसका करीब एक लाख 40 हजार रुपये खर्च हुआ, जो पीड़ित ने ही जमा किए. अब अस्पताल का संचालक न फोन उठा रहा है और न ही खर्च दे रहा है. जब उसके अस्पताल पहुंचा तो अस्पताल बंदकर संचालक फरार हो गया. पीड़ित की शिकायत पर डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.