लखीमपुर खीरी : जिले में पहली बार मखाने की खेती की जाएगी। उद्यान विभाग ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजना तैयार की है.विभाग को तीन हेक्टेयर में खेती कराने का लक्ष्य मिला है.
लखीमपुर खीरी में परंपरागत धान, गेहूं और दलहन की खेती के साथ-साथ जिले में अब पहली बार मखाने की भी खेती की जाएगी.उद्यान विभाग ने किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजना तैयार की है.विभाग का मानना है कि मखाना न केवल पौष्टिक फसल है, बल्कि इसकी बाजार में अच्छी कीमत मिलने से किसानों की आय दोगुनी करने में भी मदद मिलेगी.
जिला उद्यान विभाग को इस बार मखाने की खेती के लिए तीन हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है.यह खेती पहली बार जिले में की जाएगी.चूंकि मखाना मुख्य रूप से पानी में उगाई जाने वाली फसल है। तालाब, पोखर और जलभराव वाले खेत इसके लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं.जिले में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों और जलाशयों को देखते हुए विभाग ने इसे खेती के लिए उपयुक्त समझा है.
35 प्रतिशत तक मिलेगी सब्सिडी
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के तहत मशीनों और तकनीकी सुधार के लिए 35 प्रतिशत तक की सब्सिडी का प्रावधान है.व्यक्तिगत उद्यमी, किसान उत्पादक संगठन और स्वयं सहायता समूह इसका लाभ ले सकते हैं.सहकारी समितियां भी इस योजना में शामिल हो सकती हैं.लाभार्थियों को व्यवसाय प्रबंधन और आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण की ट्रेनिंग मिलेगी। उद्यम स्थापना के लिए ऋण सुविधा भी उपलब्ध है.योजना में आवेदन की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है.
मधुमेह और हृदय रोगियों के लिए होता है फायदेमंद
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि मखाना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है.इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है.यह मधुमेह और हृदय रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है.यही कारण है कि बाजार में मखाने की मांग साल-दर-साल बढ़ती जा रही है.अब जिले में इसकी शुरुआत किसानों के लिए नए अवसर लेकर आएगी.
पपीता, स्ट्राबेरी और सिंघाड़ा की भी होगी खेती
जिले में मखाना ही नहीं, बल्कि तीन हेक्टेयर में पपीता व दो-दो हेक्टेयर में स्ट्राबेरी व सिंघाड़े की भी खेती की जाएगी.इससे क्षेत्र में रोजगार के साथ ही लोगों को इस फसल के बारे में जानकारी होगी.
जिला उद्यान अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने कहा कि मखाना जिले में खेती की नई पहचान बन सकता है.यह न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि जिले के कृषि क्षेत्र को भी एक नई दिशा देगा.