लखीमपुर खीरी: 14 दिन में 11 घर और एक प्राचीन शिव मंदिर शारदा नदी में समाए, अब पूरी आबादी पर मंडरा रहा खतरा

लखीमपुर खीरी: शारदा नदी का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. निघासन तहसील क्षेत्र के ग्रंट नंबर-12 में कटान से लोगों की नींद उड़ी हुई है. बीते 24 घंटे में दो और मकान नदी की लहरों में समा गए. बीते 14 दिन में अब तक ग्यारह घर और एक प्राचीन शिव मंदिर शारदा नदी की तेज धारा में विलीन हो चुका है. खेत-खलिहान तो पहले ही नदी की भेंट चढ़ गए थे, अब आबादी पर भी लगातार खतरा मंडरा रहा है.

मंगलवार सुबह सीमादेवी पत्नी दयाराम और कामता पुत्र निरंजन का आशियाना उनकी आंखों के सामने ही नदी में समा गया, जबकि रविवार रात गांव की वंदना देवी पत्नी जयपाल और कामिनी देवी पत्नी रमेश का मकान लहरों में समा चुका है. इससे पहले सुमन देवी, राजकुमारी, राम सिंह, संतोष, कमला देवी, कमलू और विजय कुमार के मकान भी नदी की तेज धारा में जा चुके हैं. गांव का प्राचीन शिव मंदिर भी कुछ दिन पहले शारदा की लहरों में विलीन हो गया.

पक्के मकान छोड़कर ठिकानों क़ी तलाश में ग्रामीण 

कटान की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लोग अपने कच्चे-पक्के घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में निकलने को मजबूर हो गए हैं. हर किसी के मन में यही डर है कि अगला नंबर कहीं उनका न हो. लेखपाल श्यामनंदन मिश्रा ने बताया कि अब तक दर्जनों घर नदी की कटान की भेंट चढ़ चुके हैं. राजस्व टीम हालात पर नजर बनाए हुए है. सिंचाई विभाग कटान रोकने की कोशिश कर रहा है.

बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने में जुटे जिम्मेदार 

एसडीएम राजीव निगम ने बताया कि शारदा नदी से प्रभावित सात पीड़ितों को दैवीय आपदा मद से 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि उनके खातों में भेजी जा चुकी है. शेष लोगों को भेजने की कार्यवाही जाती है, वहीं सभी पीड़ितों को बाढ़ राहत किटें भी वितरित की जा रही हैं. साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने और आपात स्थिति की जानकारी तुरंत देने की अपील की गई है.

इधर, ग्रामीणों का कहना है कि शारदा की लहरें पलक झपकते घर और जमीन दोनों को निगल रही हैं. दिन-रात डर का साया मंडरा रहा है और गांव वालों की बेचैनी हर गुजरते पल के साथ बढ़ती जा रही है.

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