लखीमपुर खीरी : जिले के ईसानगर ब्लॉक के शेखपुर गांव में जल जीवन मिशन के तहत बना ओवरहेड टैंक शनिवार दोपहर अचानक फट गया. गुब्बारे की तरह टैंक फटने से उसका मलबा और पानी पूरे परिसर में फैल गया. परिसर में लगे सोलर पैनल भी टूट कर क्षतिग्रस्त हो गए. गनीमत रही कि आस-पास कोई ग्रामीण नहीं था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. ग्रामीणों ने ओवरहेड टैंक के निर्माण में घटिया सामग्री प्रयोग किए जाने और मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश जल निगम ग्रामीण जेई महेंद्र कुमार की देखरेख में कार्यदायी संस्थान बीटीएल की ओर से ओवरहेड टैंक का निर्माण कराया गया है. इसके निर्माण में 3.54 करोड़ रुपये खर्च हुए. निर्माण पूरा होने के बाद एक साल पहले 19 अप्रैल 2024 को यह पानी की टंकी संबंधित ग्राम पंचायत को हैंडओवर की गई थी. पानी टंकी स्टील बॉडी की थी, जिसकी क्षमता क्षमता 250 केएल है. बताया जा रहा है कि टंकी में क्षमता से अधिक पानी भर दिया गया था, जिसकी वजह से यह घटना हो गई.
4106 घरों में पानी की होनी है आपूर्ति
शेखपुर संडौरा में बनी पानी टंकी से 4106 घरों में को जल आपूर्ति किया जाना है. ग्रामीणों ने बताया कि इस टैंक को बनाने में मानकों की अनदेखी करते हुए जमकर भ्रष्टाचार किया गया. नतीजन यह टैंक एक वर्ष में ही फट गया. ग्रामीणों को अभी ठीक से पानी भी नहीं मिला था.
भूख ने बचाई मजदूरों की जान
पानी टंकी के पास पांच मजदूर काम कर रहे थे, जिनको दोपहर को भूख लगी. ये मजदूर राजू मिश्रा, मोहन कुमार, अंकित कुमार, लवकुश और पेरू आम के बाग में खाना खाने चले गए. मजदूर भोजन कर ही रहे थे कि अचानक हादसा हो गया. गनीमत रही कि मजदूर घटनास्थल से दूर थे. टंकी के पानी से गेहूं की फसल जलमग्न हो गई.
जल निगम ग्रामीण के अधिशासी अभियंता योगेंद्र कुमार नीरज ने कहा कि ऊपर का टैंक स्टील बाल का था. पहली बार उसमें पानी भरा गया था, जिसका ब्लेंडर अचानक फट गया. यह कैसे फटा इसकी जांच कराई जा रही है. जबकि नीचे का पूरी तरह हिस्सा सुरक्षित है. जांच के बाद ही इसमें कुछ कहा जा सकता है. जांच के लिए शासन की टीम आएगी.