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लखीमपुर खीरी: गोला गोकर्णनाथ में शिव मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए रोडवेज बस अड्डा शहर से बाहर किया जाएगा शिफ्ट

 

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लखीमपुर खीरी: खीरी जिले के गोला गोकर्णनाथ में शिव मंदिर कॉरिडोर निर्माण के लिए रोडवेज बस अड्डे को शहर से बाहर स्थापित किया जाएगा. जिसके लिए चिन्हित जगह कांशीराम आवास कॉलोनी के निकट रोडवेज डिपो के लिए भूखंड का निरीक्षण सोमवार को जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने भूखंड का निरीक्षण किया.

डीएम ने कार्यदायी संस्था उप्र प्रोजेक्ट काॅरपोरेशन के सहायक परियोजना प्रबंधक संकल्प वर्मा और आर्किटेक्ट उत्कर्ष शुक्ला से नक्शे पर कॉरिडोर निर्माण और उसके स्वरूप को समझा. डीएम ने कॉरिडोर निर्माण निर्धारित समयावधि में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया.

 

कोरिडोर निर्माण समय से पूर्ण करने के निर्देश

डीएम ने कहा कि कॉरिडोर निर्माण शासन की प्राथमिकता में है. इसमें किसी प्रकार का विलंब और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि सावन माह से पूर्व श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार जरूरी कार्य पूर्ण करा लिए जाएं, ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो.

रोडवेज के लिए चिन्हित भूखंड का किया निरीक्षण

कॉरिडोर के निरीक्षण से पूर्व डीएम ने रोडवेज बस अड्डे के निर्माण के लिए कांशीराम कॉलोनी के निकट स्थित लोक निर्माण विभाग के भूखंड का निरीक्षण किया. तहसील अभिलेखों में इस भूखंड का रकबा करीब डेढ़ हेक्टेयर है. डीएम ने एसडीएम विनोद गुप्ता को रोडवेज बस अड्डे के लिए देखी गई भूमि के संबंध में रिपोर्ट देने को कहा.

इस मौके पर एडीएम संजय कुमार सिंह, एआरटीओ अखिलेश द्विवेदी, एआरएम महेशचंद्र कमल, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग तरुणेंद्र त्रिपाठी सहित अधिकारी मौजूद रहे

 

 

 

 विधायक ने जो दिखाया, डीएम ने वही देखा

सोमवार को निरीक्षण के दौरान विधायक डीएम, एसपी और अन्य अधिकारियों के साथ कॉरिडोर के मुख्य द्वार के स्थान से होते हुए मंदिर के पीछे होकर कानपुर धर्मशाला का परिसर दिखाते हुए निकल गए. इस दौरान अधिकारियों ने न तो गोकर्ण तीर्थ के निर्माण को देखा और न ही शिव मंदिर के मुख्य निकास मार्ग को. ऐसे में असंतुष्ट लोग चर्चा करते मिले कि विधायक ने जो दिखाया वही डीएम ने देखा.

 

रोडवेज डिपो निर्माण कराना प्रशासन के लिए होगा चुनौती पूर्ण

हाईवे बाईपास के किनारे कांशीराम आवास कॉलोनी के निकट जो भूखंड रोडवेज डिपो के लिए चिह्नित किया गया है. उसके काफी हिस्से पर अतिक्रमण कर पक्के निर्माण कराए जा चुके हैं.

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